गावों में समस्याओं का अंबार, फिर भी झांकते तक नहीं अधिकारी

पहली बैठक में जिला पंचायत सदस्यों ने गांव की जो तस्वीर रखी वह बेहद चिंताजनक है। सदस्यों ने दो टूक कहा कि गांवों के हालात ठीक नहीं हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 28 Jan 2020 04:13 PM (IST) Updated:Tue, 28 Jan 2020 04:13 PM (IST)
गावों में समस्याओं का अंबार, फिर भी झांकते तक नहीं अधिकारी
गावों में समस्याओं का अंबार, फिर भी झांकते तक नहीं अधिकारी

देहरादून, जेएनएन। जिला पंचायत की पहली बैठक में जिला पंचायत सदस्यों ने गांव की जो तस्वीर रखी वह बेहद चिंताजनक है। सदस्यों ने दो टूक कहा कि गांवों के हालात ठीक नहीं हैं और दूर-दराज के क्षेत्रों में अधिकारी झांकते तक नहीं हैं। गांव में पेयजल और सड़कों सहित बुनियादी सुविधाओं का अभाव है लेकिन शिकायत के बाद भी अधिकारी इसकी सुध नहीं ले रहे हैं। 

सोमवार को गांधी रोड स्थित जिला पंचायत सभागार में बोर्ड बैठक को संबोधित करते हुए अध्यक्ष मधु चौहान ने कहा कि जिला पंचायत गांवों के विकास और पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने पंचायतीराज एक्ट के विभिन्न प्रावधानों को भी सदस्यों के सामने रखा। उन्होंने कहा कि हमें पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए विकास कार्यों की बागडोर पंचायतों के हाथों में ही देनी होगी। न सिर्फ विकास कार्यों का बजट उन्हें देना होगा, बल्कि रखरखाव भी उनके जिम्मे करना जरूरी है। इसके बाद सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याएं गिनानी शुरू कीं। 

सबसे पहले पेयजल संबंधी समस्याओं पर बात की गई। जिला पंचायत सदस्यों ने कहा कि कई गांवों में पेयजल लाइनें बिछी हैं, मगर उनके संचालन के लिए जल संस्थान को लाइन सौंपी ही नहीं गई है जिससे कनेक्शन लेने के बाद भी लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा। साथ ही बजट के अभाव में भी तमाम योजनाएं अधर पर है, जबकि कुछ योजनाएं इस्टीमेट न बनने के कारण भी लटकी पड़ी हैं। 

जल संस्थान ने बनाया व्हॉट्सऐप ग्रुप 

बोर्ड बैठक में जल संस्थान के अधिकारियों ने बताया कि जिला पंचायत सदस्यों की मांग और समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए व्हॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया है। सभी सदस्यों को इससे जोड़ दिया गया है। 

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यह पेयजल समस्याएं आईं सामने 

- सौढ़ा-सरोली और भोपालपानी गांव में मिनी ट्यूबवेल की योजना शुरू ही नहीं हो पाई है। 

-द्वारा ग्राम पंचायत में पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त है। लेकिन इसे अभी तक ठीक नहीं किया गया है। 

-भोपालपानी गांव में पेयजल योजना को पंचायत को नहीं सौंपा गया है। 

- कालसी और चकराता ब्लॉक के 150 गांवों में पेयजल व्यवस्था लचर है। 

- गढ़ी मयचक गांव में ओवरहेड टैंक क्षतिग्रस्त है, इसकी भी सुध नहीं ली गई है। 

- विकासनगर क्षेत्र में सैकड़ों हैंडपंप से आ रहा जंग वाला पानी। 

- राजावाला में ट्यूबवेल परियोजना वर्षों से अधूरी पड़ी है। 

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सड़क संबंधी समस्याएं 

-शिमला बाईपास रोड जगह-जगह से क्षतिग्रस्त है, तत्काल मरम्मत करवाने की मांग। 

-धारकोट की सड़क एक साल से क्षतिग्रस्त है, इसे दुरुस्त नहीं कराया गया है। 

-डोईवाला और रायपुर ब्लॉक के करीब एक दर्जन गांवों में संपर्क मार्गों का अभाव है। 

-सहस्रधारा से खैरी मानसिंह गांव तक मार्ग का निर्माण अधूरा पड़ा है, इसे जल्द दुरुस्त कराने की मांग 

-साहबनगर क्षेत्र की नौ ग्राम सभाओं में सड़कों की हालत खराब है। सदस्यों ने जल्द इसके लिए बजट उपलब्ध कराया जाए। 

-सहस्रधारा-सरोना मार्ग पांच साल से लटका पड़ा है, इसे जल्द पूरा कराने की मांग। 

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