लालपानी में विस्थापित खांड गांव बनेगा राजस्व ग्राम

राजाजी टाइगर रिजर्व से देहरादून वन प्रभाग के अंतर्गत लालपानी कक्ष में विस्थापित किए गए खांड गांव-तीन के 32 परिवारों के लिए 26 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि को गैर आरक्षित वन भूमि घोषित कर दिया है। बुधवार को शासन ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 11:06 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 11:06 PM (IST)
लालपानी में विस्थापित खांड गांव बनेगा राजस्व ग्राम
लालपानी में विस्थापित खांड गांव बनेगा राजस्व ग्राम।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। राजाजी टाइगर रिजर्व से देहरादून वन प्रभाग के अंतर्गत लालपानी कक्ष में विस्थापित किए गए खांड गांव-तीन के 32 परिवारों के लिए 26 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि को गैर आरक्षित वन भूमि घोषित कर दिया है। बुधवार को शासन ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी। इसके साथ ही अब खांड गांव के राजस्व ग्राम बनने का रास्ता साफ हो गया है। प्रमुख सचिव वन आनंद बर्द्धन के मुताबिक अब लालपानी में विस्थापित किए गए खांड गांव-तीन को राजस्व विभाग द्वारा राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्रवाई की जाएगी।

राजाजी टाइगर रिजर्व में चीला-मोतीचूर कॉरीडोर की पुनर्स्थापना के लिए खांड गांव-तीन को पूर्व में देहरादून वन प्रभाग के लालपानी कक्ष संख्या दो में विस्थापित करने के लिए वन भूमि स्वीकृत की गई थी। फिर वहां 32 परिवार विस्थापित किए गए। अलबत्ता, आरक्षित वन भूमि होने के कारण खांड गांव को राजस्व ग्राम का दर्जा नहीं मिल पा रहा था। उच्चतम न्यायालय के निर्णय के क्रम में अब शासन ने यह 26 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि को गैर आरक्षित वन भूमि घोषित कर दिया है।प्रमुख सचिव वन आनंद बर्द्धन की ओर से बुधवार को इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई। अब यह भूमि आरक्षित वन भूमि की श्रेणी से बाहर हो गई है। इसके साथ ही अब खांड गांव-तीन के निवासियों को भूमि पर मालिकाना हक मिलने के साथ ही गांव को राजस्व ग्राम घोषित किया जा सकेगा।

पांचवां वित्त आयोग 31 से करेगा जन सुनवाई

त्रिस्तरीय पंचायतों और शहरी निकायों में की दशा सुधारने के लिए पांचवा वित्त आयोग अब इन संस्थाओं के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के पास पहुंचेगा। संवाद के इस कार्यक्रम की शुरुआत रुद्रप्रयाग और चमोली से की जा रही है। पहली सुनवाई बैठक अगस्त्यमुनि में 31 अक्टूबर को होगी। पांचवें वित्त आयोग अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर भ्रमण करता है। यह कार्यक्रम दो दिन बाद प्रारंभ हो रहा है। दरअसल आयोग ने राज्य के सभी निकायों और त्रिस्तरीय पंचायतों को प्रश्नावलियां भेजकर जरूरी जानकारी मांगी थी। यह जानकारी आयोग को प्राप्त हो चुकी है। आयोग के सदस्य सचिव व अपर सचिव वित्त भूपेश तिवारी ने बताया कि क्षेत्र भ्रमण के तहत अगस्त्यमुनि में पहली सुनवाई बैठक होगी। 

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इसमें अगस्त्यमुनि, ऊखीमठ एवं केदारनाथ के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की जाएगी। इसके बाद दो नवंबर को चमोली जिले के तहत जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत, नगरपालिका परिषद व नगर पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों की बैठक होगी। इसीतरह तीन नवंबर को रुद्रप्रयाग जिले में यह सुनवाई बैठक होगी। सदस्य सचिव ने बताया कि आयोग की जिलास्तरीय सुनवाई के दौरा सभी पंचायतीराज संस्थाओं व नगरीय निकायों के प्रतिनिधि व अधिकारी संबंधित निकायों व पंचायतों के बारे में समस्याओं व सुझावों से अवगत करा सकते हैं।

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