लॉकडाउन में राजस्व को चूना लगा रहे बिजली चोर, कारखाने व बाजार बंद होने से डिमांड 580 एमवी

लॉकडाउन व भीषण गर्मी के बीच मंगलवार को बिजली डिमांड करीब 580 एमवी तक पहुंच गई। इस माहौल में भी बिजली चोर हाथ साफ करने से बाज न आए।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 28 May 2020 12:17 AM (IST) Updated:Thu, 28 May 2020 09:35 AM (IST)
लॉकडाउन में राजस्व को चूना लगा रहे बिजली चोर, कारखाने व बाजार बंद होने से डिमांड 580 एमवी
लॉकडाउन में राजस्व को चूना लगा रहे बिजली चोर, कारखाने व बाजार बंद होने से डिमांड 580 एमवी

वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। बिजली ने कोरोना संकट और लॉकडाउन में लोगों को घर में सुकून दिया। कूलर, पंखा, एसी, फ्रीज, इंटरनेट, मोबाइल निरंतर चलते रहे। इससे लॉकडाउन में भी लोगों का देश दुनिया से संपर्क बना रहा। इस माहौल में भी बिजली चोर हाथ साफ करने से बाज न आए। कटियामारी-बाइपास के साथ ही जमकर उपयोग और दुरुपयोग भी हुआ। यह दिख रहा बढ़े लोड से। लॉकडाउन व भीषण गर्मी के बीच मंगलवार को बिजली डिमांड करीब 580 एमवी तक पहुंच गई। यह पिछले साल मई की डिमांड के लगभग बराबर है जबकि तमाम औद्योगिक इकाईयां और आधे से ज्यादा व्यावसायिक प्रतिष्ठान और बाजार बंद चल रहे हैं। इस महामारी में अधिकारियों ने रहम क्या दे दी बिजली चोरों की तो चांदी ही कटने लगी।

पहले घट गई थी डिमांड

लॉकडाउन से पहले मार्च में सभी औद्योगिक इकाईयां, बाजार सब खुले थे तब बिजली की पीक डिमांड 550 एमवीए थी, लेकिन जैसे ही 22 मार्च से लॉकडाउन शुरू हुआ सारे कारखाने व बाजार बंद हुए। एकाएक बिजली डिमांड घटकर 500 एमवीए के करीब आ गई थी। अप्रैल भर इसी के आसपास डिमांड बरकरार रही, लेकिन 20 मई के बाद जैसे ही लॉकडाउन में छूट मिली डिमांड बढऩे लगी। मई महीने की अब तक की सबसे ज्यादा बिजली डिमांड 580 एमवी दर्ज हुई है। अगर लॉकडाउन में तुलना करें तो पहले लॉकडाउन से चौथे लॉकडाउन में पहुंचते ही बिजली डिमांड जितना घटा था उसका 95 प्रतिशत अपनी जगह पर लौट आया है। पिछले साल मई की डिमांड से तुलना करें तो खपत उसके बराबर पहुंच गई है, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि पिछले साल मई में लॉकडाउन नहीं था। छूट मिलने के बाद अब भी बहुत से कल कारखाने, फैक्ट्रियां और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बिजली की खपत हो कहां रही है।

अचानक चार-पांच दिन में बढ़ी बिजली डिमांड से स्पष्ट है कि जिले में बिजली चोरी शुरू हो गई है। लॉकडाउन के दौरान बिजली चोरी की रोकथाम के लिए टीमें निकल नहीं रही हैं। इसका लोग गलत फायदा उठा रहे हैं। गर्मी में पंखे, एसी, कूलर, फ्रीज टीवी जैसे उपकरण भी चालू हो गए हैं। कारण कि लोग अधिक समय घरों में ही बिता रहे हैं। पहले जो उपकरण छह से आठ घंटे चलते थे अब 24 घंटे  चल रहे हैं।

जिन क्षेत्रों में बिजली चोरी हो रही है वहां का डेटा तैयार किया जा रहा है

जिन क्षेत्रों में बिजली चोरी हो रही है वहां का डेटा तैयार किया जा रहा है। पिछले साल की तुलना में जिन फीडरों पर बिजली डिमांड अधिक पाई जाएगी उसके अनुसार रेड, आरेंज व ग्रीन जोन में बांटकर कार्रवाई की जाएगी। एक जून से टीम बनाकर छापेमारी अभियान भी शुरू हो जाएगा। इस बार छापेमारी अभियान 24 घंटे चलाने की रूपरेखा तैयार की गई है।

- विजय पाल, अधीक्षण अभियंता, नगरीय विद्युत वितरण मंडल प्रथम।

लॉकडाउन में फैक्ट्रियां बंद होने बाद भी खपत

बिजली खपत 600

एमवी खपत होती है गर्मी में 550

एमवी खपत रहती है सामान्य दिनों में 580

एमवी खपत है वर्तमान में 590

एमवी खपत थी पिछले साल मई माह में 580

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