पूर्वांचल में नदियों का घटता जलस्तर दे रहा दुश्वारी, संक्रामक रोगों की बढ़ी आशंका

निचले इलाकों में संक्रामक रोगों की आशंका जहां बलवती हुई है वहीं दूसरी ओर छाड़न और सड़न पैदा होने की वजह से बदबू का भी लाेगों को सामना करना पड़ रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 15 Sep 2020 10:29 AM (IST) Updated:Tue, 15 Sep 2020 02:20 PM (IST)
पूर्वांचल में नदियों का घटता जलस्तर दे रहा दुश्वारी, संक्रामक रोगों की बढ़ी आशंका
पूर्वांचल में नदियों का घटता जलस्तर दे रहा दुश्वारी, संक्रामक रोगों की बढ़ी आशंका

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में लगातार नदियों का घटता जलस्तर अब दुश्वारी दे रहा है। निचले इलाकों में संक्रामक रोगों की आशंका जहां बलवती हुई है वहीं दूसरी ओर छाड़न और सड़न पैदा होने की वजह से बदबू का भी लाेगों को सामना करना पड़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट पूर्वांचल में अब नदियों का रुख कम होने की ओर इशारा कर रहा है।

सुबह केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार सरयू नदी का जलस्‍तर बलिया के तुर्तीपार में 63.05 मीटर दर्ज किया गया जो चौबीस घंटों में .02 मीटर कम है। हालांकि नदी का जलस्‍तर अब भी चेतावनी बिंदु से ऊपर है। दूसरी ओर जिले में गंगा का जलस्‍तर भी लगातार कम हो रहा है। दोनों प्रमुख नदियों का जलस्‍तर लगातार कम होने से जहां राहत है वहीं तटवर्ती कई इलाकों में कीमती जमीनें नदी की भेंट कटान में चढ़ रही हैं। बलिया जिले में ही इस बार 100 एकड से अधिक भूमि नदी की भेंट चढ़ चुकी है वहीं निचले इलाकों में खेती किसानी का काम भी पानी भरा होने की वजह से नहीं हो सका है। दोपहर में केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी बाढ़ की रिपोर्ट के अनुसार पूर्वांचल के मीरजापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया जिले में गंगा का रुख घटाव की ओर है। जौनपुर में गोमती नदी का जलस्‍तर स्थिर है तो सोनभद्र में रिहंद बांध का जलस्‍तर स्थिर है जबकि बाणसागर बांध व सोन नदी के जलस्‍तर में बढोतरी जारी है।

निचले इलाकों में लोगों की बोयी हुई फसल सड़ चुकी है तो हरे चारे का अभाव होने की वजह से लोग नावों से पशुओं का हरा चारा लाने के लिए दूर दराज का सफर कर रहे हैं। वहीं पानी कम होने के बाद से ही निचले क्षेत्रों में पाानी भरा हुआ अब सड़ने लगा है जिससे बदबू के साथ ही संक्रामक रोग और मच्‍छरों के पनपने का खतरा बढ़ गया है। जिससे तटवर्ती इलाकों में अगले मा‍ह भर में बीमारियों के सिर उठाने का खतरा बना हुआ है।

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