मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ उभ्भा में जनता से संवाद कायम करने के लिए अपनाया अलग तरीका

21 जुलाई व 13 सितंबर दो ऐसे तारीख जब सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ घोरावल तहसील के उभ्भा गांव में रहे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 13 Sep 2019 08:29 PM (IST) Updated:Sat, 14 Sep 2019 09:01 AM (IST)
मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ उभ्भा में जनता से संवाद कायम करने के लिए अपनाया अलग तरीका
मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ उभ्भा में जनता से संवाद कायम करने के लिए अपनाया अलग तरीका

सोनभद्र, जेएनएन। 21 जुलाई व 13 सितंबर दो ऐसे तारीख, जब सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ घोरावल तहसील के उभ्भा गांव में रहे। इन दोनों तारीखों के बीच 54 दिनों का अंतर था, और अंतर था आक्रोशित जनता के बदलते स्वरूप का। दो अलग-अलग मौकों पर सूबे के मुखिया जनता से संवाद कायम करने के लिए अलग तरीका अपनाया। शुक्रवार को जब मुख्यमंत्री उभ्भा पहुंचे तो हर किसी के जुबान पर यही बात बरबस तैर रही थी।

21जुलाई,  प्रथम आगमन

17 जुलाई को घोरावल तहसील के उभ्भा गांव में भूमि विवाद में हुए नरसंहार में 11 लोगों की हत्या कर दी गई। हत्या की खबर जैसे ही फैली, हर तरफ हाहाकार मच गया। विभिन्न राजनीतिक दलों ने प्रदेश के कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उभ्भा की तरफ कूच कर दिया। मामले को गंभीरता से लेते हुए घटना के पांचवे दिन २१ जुलाई को उभ्भा पहुंचे। इस दौरान न तो कोई बड़ा मंच सजाया गया और न ही कोई अन्य सरकारी तामझाम किया गया। सीएम गांव आए और पीडि़त परिजनों से बारी-बारी उनके पास जाकर मिले। इसके बाद वह घटना स्थल पर गए और वहां की जानकारी ली।

13 सितंबर, दूसरा आगमन

21 जुलाई के ठीक 54 दिन बाद सूबे की मुखिया योगी आदित्यनाथ उभ्भा गांव पहुंचे। इस बार माहौल थोड़ा अलग था, सीएम के आगमन से पहले लाखों रुपये खर्च करके वाटरप्रूफ पंडाल लगा था, ग्रामीणों से मुख्यमंत्री की दूरी प्रोटोकाल के तहत रखा गया। इस बार मंच पर सीएम के उपस्थिति में जमकर भाषण भी हुए, और विभिन्न राजनीतिक पार्टियों पर निशाना भी साधा गया। सीएम ने जब माइक संभाली तो उन्होंने अपने 54 दिन पहले किए गए वादों को याद किया और बताया कि जो कहा था वह पूरा हुआ। आगे भी जनता को आश्वस्त किया कि वह उनका ख्याल रखते रहेंगे और उभ्भा गांव को पूरे प्रदेश में आदर्श स्थापित करेंगे। 

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