सूर्य ग्रहण के दिन साढ़े पांच घंटे बंद रहेगा बाबा दरबार, 26 दिसंबर को कंकाकृत रूप में दिखेगा साल का अंतिम ग्रहण

पौष अमावस्या पर 26 दिसंबर की सुबह सूर्य ग्रहण को देखते हुए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर सुबह छह बजे से 11.25 बजे तक बंद रहेगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 19 Dec 2019 03:19 PM (IST) Updated:Thu, 19 Dec 2019 03:23 PM (IST)
सूर्य ग्रहण के दिन साढ़े पांच घंटे बंद रहेगा बाबा दरबार, 26 दिसंबर को कंकाकृत रूप में दिखेगा साल का अंतिम ग्रहण
सूर्य ग्रहण के दिन साढ़े पांच घंटे बंद रहेगा बाबा दरबार, 26 दिसंबर को कंकाकृत रूप में दिखेगा साल का अंतिम ग्रहण

वाराणसी, जेएनएन। पौष अमावस्या पर 26 दिसंबर की सुबह सूर्य ग्रहण को देखते हुए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर सुबह छह बजे से 11.25 बजे तक बंद रहेगा। इस दिन मध्याह्न भोग आरती व पूर्व संध्या पर 25 दिसंबर की रात शृंगार भोग आरती में बाबा को फलाहार अर्पित किया जाएगा। दोनों ही दिन सभी आरतियां अपने निर्धारित समय पर होंगी। वास्तव में 26 दिसंबर की सुबह 8.20 बजे ग्रहण का स्पर्श, 9.40 बजे मध्य व 11.13 बजे मोक्ष होगा। इससे 12 घंटे पहले यानी 25 दिसंबर की रात 8.20 बजे ग्रहण का वेध (सूतक) शुरू हो जाएगा। मंदिर सीईओ विशाल सिंह के अनुसार ग्रहण के बाद मंदिर खुलने पर 11.30 बजे से 12.30 बजे तक मध्याह्न भोग आरती होगी।

बाबा दरबार के निर्माल्य से  बनने लगी आर्गेनिक खाद

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में चढ़ाए जाने वाले माला- फूल और बेल पत्र से बनी आर्गेनिक खाद अब खेतों में धन धान्य बरसाएगी। आर्ट आफ लिविंग के सहयोग से इसे बनाने का कार्य बुधवार को शुरू हो गया। इसे 500 ग्राम व एक किलोग्राम के पैकेट में हेल्प डेस्क से बेचा जाएगा। बागवानी के लिए छोटे पैकेट में भी खाद उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह व आर्ट आफ लिविंग के न्यासी दीपक ने इसका  संयुक्त रूप से शुभारंभ किया। सीईओ विशाल सिंह ने फूल-पत्तियों से बनी खाद के फायदे बताए। कहा कि इस पहल के जरिए बाबा को चढ़ाए जाने वाले  फूल-पत्तियों का सदुपयोग किया जा सकेगा। आर्ट आफ लिविंग के न्यासी दीपक ने बताया कि खाद को लोग किचन गार्डन के साथ ही घर में लगाए गए तुलसी के पौधे में भी उपयोग कर सकेंगे। काशी विश्वनाथ मंदिर के डिप्टी कलेक्टर विनोद सिंह ने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास और आर्ट आफ लिविंग के बीच खाद निर्माण के लिए एमओयू साइन किया गया है। इसमें निर्माल्य से खाद बना कर मंदिर के अलावा बाहरी हेल्प डेस्क पर भी छोटे-छोटे पैकेट में बिक्री की जाएगी। प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर अनूप सिंह, स्टेट टीचर कोआर्डिनेटर मधु शेखर बाजपेयी आदि थे।

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