जैविक खेती के साथ ध्यान रखना है नमामि गंगे की मूल भावना

जागरण संवाददाता उन्नाव अपने तय कार्यक्रम के अनुसार कलेक्ट्रेट के एनआइ्रसी में प्रधानमंत्री न

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 05:13 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 05:13 PM (IST)
जैविक खेती के साथ ध्यान रखना है नमामि गंगे की मूल भावना
जैविक खेती के साथ ध्यान रखना है नमामि गंगे की मूल भावना

जागरण संवाददाता, उन्नाव: अपने तय कार्यक्रम के अनुसार कलेक्ट्रेट के एनआइ्रसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिकंदरपुर सरोसी के गांव रौतापुर निवासी किसान अरविद से लगभग चार मिनट तक बात की। पीएम ने किसान की शिक्षा और जैविक खेती की ओर रुचि को लेकरसराहना के साथ नमामि गंगे की मूल भावना को भी समझाया। पीएम ने किसान की तारीफ करते हुए जैविक खेती के और मजबूत प्रयासों पर सुझाव भी दिए। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने जैविक खेती में पैदा की गई मूंगफली को पॉलीथिन में पैक देख उसे नमामि गंगा की मूल भवना की याद दिलाते हुए पॉलीथिन के अन्य वस्तुओं के थैलों में पैकिग करने की सलाह दी।

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एनआइसी में किसान अरविद से बातचीत करने पीएम मोदी नरेंद्र पूर्वाह्न 11:10 पर लाइव हुए। पीएम मोदी ने कहा अरविद जी नमस्ते। जिसका जवाब देते हुए किसान ने कहा सबसे पहले आपको कोटि कोटि प्रणाम। इसके बाद पीएम मोदी बोले कि नमामि गंगे और किसान सम्मान निधि का छोटे किसानों को बहुत लाभ मिल रहा है। मुझे बताया गया कि आपके सामने भी कम जैविक व्यवस्थाओं की बहुत बड़ी समस्या है। आप बताएं कि जैविक खेती की तरफ ही क्यों मुड़े, इससे आपके जीवन में क्या अंतर आया। किसान अरविद ने बताया कि ग्रेजुएशन करने बाद मैंने अपनी खेती में कुछ नया करने को सोचा था। उसी दौरान सीएम योगी की गंगा यात्रा चलाई जा रही थी। जिसमें मैंने सहभागिता की। किसान ने पीएम से कहा कि आप भी उस समय अटल घाट में आए थे। किसान ने कहा कि उसके बाद कृषि विश्वविद्यालय में मुख्यमंत्री और राज्यपाल की ओर से प्रशिक्षण चलाया रहा था। जिसमें मैंने हिस्सा लिया। प्रशिक्षण में जैविक खेती के लाभ जानने के बाद मैंने सोंचा जैविक खेती करूंगा। इसी सोंच के साथ यूपी डॉस्प और जिले के कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया। जहां जैविक खेती का पूरा प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण में मुझे जीवामृत, घन जीवामृत, पंचगव्य आदि चीजें बनाना सिखाते हुए इसके प्रयोग से कैसे खेती करें इसका ज्ञान दिया गया।

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20 हेक्टेयर भूमि के किसानों को जोड़कर बनाए क्लस्टर

पीएम से बातचीत में किसान ने आगे बताया कि उसने गांव में 20 हेक्टेयर कृषि भूमि के लिए किसानों को जोड़कर क्लस्टर बनाए। इन किसानों में जिसको समझ नही आ रहा था। वहां कृषि विभाग से मदद लेकर उनको जैविक में जीवामृत बनाना सिखाया। अब यह किसान भी जैविक खेती कर रहे हैं।

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मोदी ने पूछा कौन सी फसल उगा रहे हैं, क्या है पैकेट में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान अरविद से बातचीत के दौरान पूछा कि आमतौर पर आप लोग कौन सी फसल उगा रहे हैं। नमामि गंगे योजना का आप लोगों को फायदा हो रहा है। किसान ने जवाब दिया कि काला नमक चावल, मक्का, आलू गेंहू आदि फसल होती हैं। किसान ने बताया कि हमने पैकेजिग हाउस बनाया है। जहां पैकेजिग कराकर फसल की ब्रांडिग करता हूं। इस पर पीएम ने किसान के सामने रखे कुछ पैकेटों को देखकर पूछा कि क्या है, क्या भरा है इन पैकेटों में, किसान ने बताया मूंगफली।

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मोदी बोले एक सुझाव दूं जो नमामि गंगे की मूल भावना है.

पीएम मोदी ने किसान के पैकेट देखकर कहा कि एक सुझाव दूं, धीरे-धीरे ये जो सिगल प्लास्टिक यूज करते हैं, उसे मिटाएं। इससे भी अच्छी चीजें आती है। जो रिसाइकिल होती हैं, उन्हें प्रयोग करें। इससे नमामि गंगे की मूल भावना को आप बल दे पाएंगे। पीएम ने कहा कि लेकिन मुझे अच्छा लगा, दूर सुदूर आप उन्नाव में पैकेजिग करके ब्रांडिग करके आप अपनी जैविक चीजें बेंच रहे हैं।

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मोदी ने किसान से पूछा जैविक खेती से क्या मिला लाभ

पीएम मोदी ने कहा कि आप बताइए कि जैविक खेती से क्या लाभ हुआ है। इस पर किसान ने जवाब दिया कि जो चीजें पहले होती थीं। उनसे बीमारियां बढ़ती थीं। बरसात में खेतों में डाला जाने वाला रसायन गंगा मइया में चला जाता था। जो अब नहीं हो रहा है।

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मोदी ने कहा बहुत दुआएं देता हूं आपको

बातचीत की शुरुआत मे पीएम मोदी ने किसान से कहा कि आप पढ़ाई करने के बाद नौकरी तलाश करने की बजाए खेती से जुड़े। मुझे खुशी हुई सीमित व्यवस्थाओं के साथ जैविक खेती में आपका हौसला बुलंद है। इसके साथ ही आप अकेले नहीं नए तौर तरीकों से सभी को जोड़ रहे हैं। आप सबको सिखा रहे हैं, अपनी आजीविका के साथ। पीएम ने कहा आपकी बातें आपका अनुभव सभी को प्रेरित कर रहा है। कोई भी केमिकल का प्रभाव गंगा की तरफ न हो जाए, यह भी जैविक से संभव हुआ है।, आपकों बहुत दुआ देता हूं।

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मोदी ने दी सलाह कोरोना से बचें व गांव को बचाएं

पीएम ने अंत में किसान से कहा कि कोरोना से बचाव के साथ यह काम जारी रखिए। इससे बचने के लिए अपने गांव वालों को जरूर कहिएगा।

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