वर्षा ने बढ़ाई गलन, धूप रही बेअसर

ङ्खद्गड्डह्लद्धद्गह्म ह्मद्गश्चश्रह्मह्लङ्खद्गड्डह्लद्धद्गह्म ह्मद्गश्चश्रह्मह्लङ्खद्गड्डह्लद्धद्गह्म ह्मद्गश्चश्रह्मह्लङ्खद्गड्डह्लद्धद्गह्म ह्मद्गश्चश्रह्मह्लङ्खद्गड्डह्लद्धद्गह्म ह्मद्गश्चश्रह्मह्लङ्खद्गड्डह्लद्धद्गह्म ह्मद्गश्चश्रह्मह्ल

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Feb 2019 11:29 PM (IST) Updated:Sat, 09 Feb 2019 11:29 PM (IST)
वर्षा ने बढ़ाई गलन, धूप रही बेअसर
वर्षा ने बढ़ाई गलन, धूप रही बेअसर

सुलतानपुर : दो दिन पहले मौसम के मिजाज में आई तब्दीली बरकरार है। छिटपुट बारिश का सिलसिला जारी है। दिन में निकली धूप व गलन के चलते बेअसर साबित हुई। सूर्यास्त के बाद रूह कंपाने वाली सर्दी से आम जनजीवन बेहाल रहा। शुक्रवार की रात कई क्षेत्रों में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हुई। शनिवार की सुबह बदली और धुंध का माहौल रहा। दोपहर बाद धूप खिल गई और गलन में इजाफा हुआ।

शनिवार को सुबह से चल रही तेज हवाओं ने भीषण सर्द का एहसास कराया। कुछ देर बाद धूप खिली तो लोगों ने राहत की सांस ली। दोपहर में अखंडनगर व करौंदी कला के इलाकों में बूंदाबांदी हुई। आचार्य नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय के अनुसार शुक्रवार को अधिकतम तापमान 20.6 व न्यूनतम 11.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 3.2 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पुरवा हवा चली। आगामी तीन दिनों तक बदली और वर्षा का अनुमान विभाग ने बताया है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम की इस तब्दीली और शीतकालीन बारिश का फसलों पर मिलाजुला असर है। गेंहू के लिए बेहद अनुकूल वातावरण है। वहीं दलहनी और तिलहनी फसलों के लिए लगातार बदली और बारिश घातक साबित हो सकती है। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ आरपी मौर्य ने कहा कि मटर, चना, अरहर आदि दलहनी फसलों में रोग लगने की संभावना है। धूप निकलती रही तो इन फसलों को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा। आलू के लिए मौसम संकटकालीन साबित हो सकता है। आलू उत्पादक फसल पर राख का छिड़काव कर इसे पाले से बचाएं। गेंहू के लिए मौसम का बदलाव और बारिश वरदान जैसा है। तीसरी और अंतिम सिचाई से किसानों की लागत तो बचेगी ही बाली आने के समय तापमान में आई गिरावट और बढ़ी ठंड तथा दिन में हो रही धूप से उत्पादन बेहतर होने की संभावना है।

chat bot
आपका साथी