सीडीओ से लेकर सीएमओ तक नहीं दे रहे बकाया कर
आमजन तो दूर सरकारी महकमे भी नगर पालिका परिषद का करोड़ों रुपये टैक्स (कर) अदा नहीं कर रहे हैं। नतीजतन हर साल नगर पालिका गृह और जल कर की वसूली में फिसड्डी साबित हो रही है। बीते पांच साल से नगर पालिका प्रशासन किसी भी वित्तीय वर्ष में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप इन करों की वसूली नहीं कर सका है।
सुलतानपुर : आमजन तो दूर सरकारी महकमे भी नगर पालिका परिषद का करोड़ों रुपये टैक्स (कर) अदा नहीं कर रहे हैं। नतीजतन, हर साल नगर पालिका गृह और जल कर की वसूली में फिसड्डी साबित हो रही है। बीते पांच साल से नगर पालिका प्रशासन किसी भी वित्तीय वर्ष में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप इन करों की वसूली नहीं कर सका है।
इसी का परिणाम है कि इस वित्तीय वर्ष में सरकारी विभागों पर बकाया गृह व जल कर की धनराशि तीन करोड़ 25 लाख 60 हजार 263 रुपये हो गई है। कुल 32 बकाएदार विभागों में बिजली विभाग सबसे आगे हैं, जिन पर तकरीबन सवा करोड़ रुपये का कर बकाया है। जिले के उच्चाधिकारियों के कार्यालयों के स्तर पर भी संबंधित कर अदायगी में कोताही बरती जा रही है। इनमें डीएम, एसपी, सीडीओ, सीएमओ, एआरटीओ व सीवीओ आदि अधिकारी सम्मिलित हैं। इस बार भी मार्च तक इन करों की वसूली नगर पालिका के लिए चुनौती बनी हुई है। आय का मुख्य जरिया हैं ये कर :
गृह व जल कर नगर पालिका की आय का खास जरिया हैं। हर बजट में इनकी वसूली का लक्ष्य तय किया जाता है। आमजनों के साथ नगर पालिका इन करों की वसूली में सक्रियता दिखाती है। वहीं, सरकारी विभागों से इन करों की वसूली में औपचारिकता पूरी की जाती है। बड़े बकाएदार विभाग
विभाग का नाम बकाया गृहकर बकाया जल कर अधिशाषी अभियंता विद्युत
11415082
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अध्यक्ष जिला पंचायत 451928 451928 पुलिस अधीक्षक 63987 34069
हाईडिल कालोनी 8773622 8773622 सीएमओ 48878 55408
एआरटीओ 24494 ----- जिलाधिकारी 1636 1780
मुख्य विकास अधिकारी 101765 101765 मंडलीय अभियंता दूर संचार 80480 80516
इनके अतिरिक्त 22 ऐसे विभाग हैं जिन पर लाखों रुपये कर के रूप में अर्से से बकाया हैं। गृह व जल कर की ससमय वसूली के लिए पूरी व्यवस्था को कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है। विधिक सलाह लेकर बकाया करों की वसूली के लिए विभागाध्यक्षों को नोटिस दी जाएगी।
- श्यामेंद्र मोहन चौधरी, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका