बारिश से क्रय केंद्रों पर भीगा धान, कई जगहों पर नहीं हुई खरीद

जागरण संवाददाता सोनभद्र जिले के विभिन्न इलाके में बुधवार की रात करीब तीन बजे से ही मौसम ि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Dec 2020 06:02 PM (IST) Updated:Wed, 16 Dec 2020 10:07 PM (IST)
बारिश से क्रय केंद्रों पर भीगा धान, कई जगहों पर नहीं हुई खरीद
बारिश से क्रय केंद्रों पर भीगा धान, कई जगहों पर नहीं हुई खरीद

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जिले के विभिन्न इलाके में बुधवार की रात करीब तीन बजे से ही मौसम बिगड़ने लगा। भोर होते-होते बारिश शुरू हो गई। करीब दो घंटे तक रुक-रुक कर हुई बारिश से क्रय केंद्रों के बाहर खरीद के लिए रखा गया धान भीग गया। वहीं कीचड़ होने, क्रय केंद्रों में रखने के जगह की कमी के कारण बुधवार को आधा दर्जन से अधिक क्रय केंद्रों में धान की खरीद नहीं हुई। हालांकि इस बारिश से अभी फसलों को किसी तरह का नुकसान नहीं है। अगर आने वाले दिनों में कोहरे का असर रहा तो सरसों की फसलों में रोग लग सकते हैं। तापमान में कमी के कारण ठंड में भी इजाफा हुआ है।

वैसे तो मौसम का मिजाज सोमवार की शाम से ही बदला था। रात में बूंदाबादी के बाद लगा कि अब मौसम साफ हो जाएगा, लेकिन मंगलवार की रात में जब तेज गरज-चमक के साथ बारिश शुरू हुई तो किसानों की सांस फूलने लगी। राब‌र्ट्सगंज के मंडी परिसर में बनाए गए तीनों क्रय केंद्रों पर करीब 25 की संख्या में किसान अपनी फसल लेकर रात में रुके थे। जैसे ही बारिश शुरू हुई तो वे तिरपाल आदि से उसे बचाने की कोशिश में जुट गए। रात में पर्याप्त मात्रा में तिरपाल नहीं मिलने के कारण कई किसानों की फसल भीग गई। यहीं स्थिति जिले के अन्य क्रय केंद्रों की भी रही। साधन सहकारी समिति रामगढ़, बिरधी, कोरियांव, सोढ़ा, हाट शाखा चतरा में धान खरीद दोपहर बाद तक नहीं हो सकी। इसी तरह कोन लैंपस पर भी खरीद नहीं हुई। सचिव रामकृत ने कहा कि लैंपस में शेड नहीं है। इस इस वजह से बारिश के समय खरीद कर पाना संभव नहीं है। दुद्धी तहसील क्षेत्र के भी कई केंद्रों पर खरीद नहीं हुई।

इस संबंध में जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी देवेंद्र सिंह को फोन किया गया तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।

फसलों की निगरानी करने की जरूरत

जिला कृषि अधिकारी पीयूष राय ने बताया कि इस बारिश से कोई नुकसान नहीं है। गेहूं की फसलों के लिए तो यह बारिश काफी अच्छी है। चना, सरसों आदि फसलों के लिए भी बेहतर मानी जा रही है। बताया कि अगर बारिश के बाद दो-चार दिन तक कोहरा रहता है तो रोग लगने की संभावना बढ़ जाएगी। इस लिए किसानों को चाहिए कि वे अपनी फसलों की निगरानी करते रहें। जब भी रोग लगे समय से दवा का छिड़काव कराएं। समितियों पर यूरिया लेने पहुंचने लगे किसान

गेहूं की पहली बोआई के बाद उसमें यूरिया डालने का समय हो चुका है। यहीं वजह है कि बारिश होने के बाद किसान खेती के काम में जुटे नजर आए। कई समितियों पर पहुंचकर किसानों ने यूरिया खाद लिया। वहीं कई स्थानों से ई-पास मशीन न चलने की शिकायत भी मिली। कृषि अधिकारी के मुताबिक समिति पर आधार कार्ड और खतौनी के आधार पर ही खाद मिलनी है। कोई भी किसान खाद लेते समय रसीद जरूर ले। बताया कि जिले में खाद की मात्रा पर्याप्त है।

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किसानों ने बयां किया दर्द..

हमने करीब एक माह पहले ही धान बेचने के लिए पंजीकरण कराया था। 15 दिनों से तो नंबर लगाकर धान की रखवाली कर रहा हूं। बुधवार को खरीद होनी थी, लेकिन जगह के अभाव में केंद्र बंद है। कीचड़ भी पूरे परिसर में फैला हुआ है।

- सुनील यादव, वैनी वैनी के हाट शाखा क्रय केंद्र पर जगह की कमी के कारण खरीद नहीं हो रही है। परिसर में कीचड़ है। केंद्र प्रभारी से अनुरोध किया, लेकिन अब तक हमारी फसल नहीं खरीदी गई है।

- प्रमोद यादव, पटवध

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