न बराती, न बैंडबाजा,आए दूल्हे राजा

शाहगंज(सोनभद्र) पीछे बराती आगे बैंडबाजा गोरी खेाल दरवाजा..आए दूल्हे राजा.. किसी फिल्म का यह गीत तो हर शादी में गाया जाता है। इसपर बराती नाचते हुए कन्या के दरवाजे पर पहुंचते हैं लेकिन शाहगंज थाना क्षेत्र के महुआंव गांव में सोमवार को शादी का ऐसा माहौल बना कि लोग न ही बराती न ही बैंडबाजा.आए दूल्हे राजा.. गुनगुनाने लगे। उल्टा गीत गाने के पीछे वजह यह रही कि यहां महज पांच लोगों ने आकर दुल्हन को विदा कराया। बरातियों का स्वागत सैनिटाइजर व मास्क से हुआ। यह शादी पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 May 2020 06:29 PM (IST) Updated:Mon, 18 May 2020 08:17 PM (IST)
न बराती, न बैंडबाजा,आए दूल्हे राजा
न बराती, न बैंडबाजा,आए दूल्हे राजा

जासं, शाहगंज (सोनभद्र): पीछे बराती आगे बैंडबाजा, ..आए दूल्हे राजा.. किसी फिल्म का यह गीत तो हर शादी में गाया जाता है। लेकिन, शाहगंज थाना क्षेत्र के महुआंव गांव में सोमवार को शादी का ऐसा माहौल बना कि लोग न ही बराती न ही बैंडबाजा.आए दूल्हे राजा.. गुनगुनाने लगे।

महुआंव पांडेय निवासी मंगला शर्मा की पुत्री सुनीता शर्मा की शादी मदैनिया करमा निवासी दिवाकर शर्मा के पुत्र प्रभाकर शर्मा से पूरे रीति-रिवाज से संपन्न हुई। इस शादी की सबसे खास बात यह रही की बरातियों की संख्या महज पांच थी। घराती पक्ष की तरफ से भी सिर्फ पांच लोग ही इस विवाह में शामिल हुए। शादी में शारीरिक दूरी का भी पूरी तरह से पालन किया गया। शादी के दौरान दूल्हा -दुल्हन ने मास्क लगाकर सात फेरे लिए। लड़की के पिता मंगला शर्मा ने बताया कि शादी पहले से ही तय थी। बहुत लोगों ने सलाह दिया की जब तक कोरोना वायरस का प्रसार खत्म नहीं हो जाता शादी कुछ महीनों के लिए रद कर दी जाए। मेरे मन में आया की शादी रद करने की बजाय उसी तिथि पर की जाए और नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाए। इसलिए मैंने न तो कोई कार्ड बांटा न ही किसी तरह की व्यवस्था की। लड़के पक्ष के लोग भी पूरी तरह से हमारे साथ थे। बरात 11 बजे दिन में पहुंची। बारातियों का स्वागत फूल की जगह सैनिटाइजर व मास्क लगाकर किया गया। इस अवसर पर लड़की के बड़े पिताजी जगदीश शर्मा व लड़की के भाई कमलेश शर्मा ने भाई के रस्म को निभाया।

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