देवरिया के दंपती की हुई थी हत्या, लालच में मजदूर मित्र ने रची साजिश

तालगांव में 25 जुलाई को मिले दो शव देवरिया जनपद

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 11:24 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 11:24 PM (IST)
देवरिया के दंपती की हुई थी हत्या, लालच में मजदूर मित्र ने रची साजिश
देवरिया के दंपती की हुई थी हत्या, लालच में मजदूर मित्र ने रची साजिश

सीतापुर : तालगांव में 25 जुलाई को मिले दो शव, देवरिया जनपद निवासी दंपती के थे। पुलिस ने इस घटना की रहस्यमयी गुत्थी को सुलझा लिया है। दंपती की हत्या लखनऊ में उसके मजदूर मित्र ने परिवारजन के साथ मिलकर की थी। दावा है कि 72 हजार रुपये के लालच में ही दंपती को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया। इस मामले में पांच हत्यारोपित गिरफ्तार किए गए हैं। राजफाश करने वाली टीम को आइजी रेंज लखनऊ लक्ष्मी सिंह ने 50 हजार रुपये का पुरस्कार दिया है।

पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता के दौरान एसपी आरपी सिंह ने बताया कि तालगांव में मदनापुर गढ़ी मार्ग पर दो शव मिले थे। महिला का सिर धड़ से अलग था। वहीं पर एक युवक का भी शव पड़ा था। इन शवों की पहचान देवरिया के एकौना के करहकोल थाने के निवासी सतीश पुत्र शिवमूरत व उसकी पत्नी मंजू देवी के रूप में हुई है। घटना में पांच अभियुक्त शकील, उसकी पत्नी रुखसार, पिता इसराइल, भाई अकील निवासीगण अंबावा थाना तालगांव व भाई का ससुर रमजान अली निवासी गऊघाट थाना ठाकुरगंज गिरफ्तार किए गए हैं। ऐसे हत्याभियुक्तों तक पहुंची पुलिस

दरअसल, दोनों शव मदनापुर गढ़ी मार्ग पर मिले थे। इस इलाके में आवाजाही कम रहती है। शवों की शिनाख्त न होने पर पुलिस को यह समझ में आ गया कि इस इलाके में अंजान व्यक्ति का पहुंचना आसान नहीं था। इसी वजह से कातिल आसपास का होने का अंदेशा बढ़ गया। पुलिस ने आसपास गांवों में जाल बिछाया। पता चला कि घटना के कुछ दिन पहले शकील अंबावा आया था। शकील का परिवार लखनऊ के चिनहट इलाके में रहता है। टीम वहां पहुंच गई। वहीं पुलिस को यह जानकारी हुई कि दंपती लापता है। इससे पुलिस का शक और पुख्ता हो गया। पुलिस ने शकील और उसकी पत्नी रुखसार को दबोचा। सख्ती से पूछताछ की तो मर्डर मिस्ट्री सुलझ गई। इस वजह से बनाया हत्या का प्लान

अभियुक्त शकील ने पुलिस को बताया, वह लखनऊ में मजदूरी करता है। सतीश और मंजू से उसकी जान पहचान थी। ये दंपती भी वहीं काम करते थे। दावा है कि मंजू ने शकील से 72 हजार रुपये बैंक में जमा कराने को कहा था। इन्हीं रुपयों पर शकील की नीयत डोल गई। उसने दंपती की हत्या का प्लान बनाया। 24 जुलाई शाम को शकील ने सतीश और मंजू को विश्वास में लेकर गांव बुलाया। दंपती बिसवां तक बस से आया। इसके बाद शकील उन्हें अपनी बाइक से मदनापुर गढ़ी मार्ग पर लाया। यहीं पर चारों ने बांके से दंपती की हत्या कर दी। 72 हजार रुपये भी ले गए। मृतकों की पहचान मिटाने के लिए पहचान पत्र, मोबाइल भी ले लिए थे। एसपी के मुताबिक शकील की पत्नी रुख्सार वारदात में शामिल नहीं थी लेकिन, रुपये के बंटवारे में उसका भी हिस्सा लगा था।

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