खतरनाक है विद्युत तार के नीचे होलिका दहन
कस्बे में वर्षों से मुख्य चौराहे पर ही होलिका दहन होता रहा है। नीचे होलिका दहन होता है ऊपर से बिजली के तार गुजरे हैं। दुर्घटना की आशंका को देख विद्युत विभाग तारों की सुरक्षा के लिए होलिका की उंचाई तय कर ग्रामीणों को जानकारी देने का फैसला लिया
सिद्धार्थनगर: कस्बे में वर्षों से मुख्य चौराहे पर ही होलिका दहन होता रहा है। नीचे होलिका दहन होता है ऊपर से बिजली के तार गुजरे हैं। दुर्घटना की आशंका को देख विद्युत विभाग तारों की सुरक्षा के लिए होलिका की उंचाई तय कर ग्रामीणों को जानकारी देने का फैसला लिया है। होलिका बुधवार को मुख्य चौराहे पर ही जलेगी, लेकिन सड़क को कोई नुकसान न पहुंचे इसके लिए सड़क के ऊपर इस बार सीमेंटेड पटरियां लगेंगी।कस्बे में प्रति वर्ष होलिका दहन मुख्य चौराहे पर ही किया जाता है। होलिका जलाने के चलते आवागमन में लोगों को समस्या तो होती ही है,साथ साथ ऊपर से गुजरने वाले तार व केबल को भी नुकसान पहुंचता है। हालांकि अब तक कोई दुर्घटना नहीं हुई,लेकिन खतरा हमेशा बना रहता है। कस्बे की होलिका दहन समिति ने इस बार सड़क को नुकसान न पहुंचे इसके लिए आवश्यक इंतजाम प्रारंभ किए हैं। समिति के अजय, पवन मद्धेशिया, भगवानदास, अनिल, सुनील व प्रधान प्रतिनिधि दुर्गा जायसवाल ने कहा की सड़क को क्षति न पहुंचे इसके लिए सीमेंटेड पटरियां बनवाई जा रही हैं। सड़क पर इसे रखा जाएगा। उसके बाद होलिका सजेगी। सड़क को सुरक्षित रखने का प्रबंध तो इस बार जरूर हुआ,लेकिन विद्युत तारों को सुरक्षित रखने की कवायद अधूरी है। होलिका अगर निर्धारित सीमा से अधिक ऊंचाई तक सजाई गई तो विद्युत तार को नुकसान पहुंचेगा साथ ही तार टूटकर गिरने से खतरा भी हो सकता है। जेई विद्युत सिद्धार्थ शंकर ने बताया कि तार काफी ऊंचाई पर हैं। नुकसान की संभावना कम है, फिर भी होलिका अधिक ऊंचाई तक न सजे इसका ध्यान रखा जाएगा।