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डीसीएम में मिले 31 बच्चों में से 13 भेजे गए घर, दोबारा मदरसे में भेजने की बात करते नजर आए एजेंट

सराय इनायत में डीसीएम में मिले 31 बच्चों में से 13 बच्चों को उनके परिजनों के साथ घर भेज दिया गया। उन्हें सख्त हिदायत भी दी गई कि दोबारा इस तरह अमानवीय रूप से बच्चों को कहीं ना भेजा जाए। बाल कल्याण समिति के सामने पेश हुए परिजनों ने अपना अपने बेटे का आधार कार्ड दिया जबकि ग्राम प्रधान की मोहर लगी कॉपी भी सौंपी।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Published: Fri, 03 May 2024 12:54 AM (IST)Updated: Fri, 03 May 2024 12:54 AM (IST)
डीसीएम में मिले 31 बच्चों में से 13 भेजे गए घर।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। सराय इनायत में डीसीएम में मिले 31 बच्चों में से 13 बच्चों को उनके परिजनों के साथ घर भेज दिया गया। उन्हें सख्त हिदायत भी दी गई कि दोबारा इस तरह अमानवीय रूप से बच्चों को कहीं ना भेजा जाए।  

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बाल कल्याण समिति के सामने पेश हुए परिजनों ने अपना, अपने बेटे का आधार कार्ड दिया, जबकि ग्राम प्रधान की मोहर लगी वह कॉपी भी सौंपी, जिसमें लिखा था कि वह उनकी ग्राम पंचायत के सदस्य हैं।

तंगहाली के कारण मदरसे में भेजा

बच्चों की काउंसलिंग के दौरान उन्होंने घर में गरीबी और तंगहाली का जिक्र किया। ‌उन्हें बताया गया था कि बेहतर जीवन के लिए मदरसा ही एकमात्र रास्ता है।‌ बच्चे छोटे थे बाहर नहीं जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें समझा बुझाकर किसी तरह मनाया गया और मदरसा में भेजा रहा था।

हालांकि, बच्चों को अमानवीय रूप से ट्रक में भरकर ले जाने के मामले में परिजनों की कोई भी सफाई सही नहीं रही। इस पर उनको सख्त चेतावनी भी दी गई। ‌दूसरी ओर अभी भी बाल कल्याण समिति में 18 और बच्चे हैं।

इनमें से किसी के भी परिजन ग्राम प्रधान द्वारा लेटर पैड पर लिखा गया पत्र नहीं ले आ पाए, जिसके कारण बच्चों को सुपुर्द नहीं किया गया। वहीं, समिति के बाहर दीवार के आसपास एजेंट भी सक्रिय रहे। आने-जाने वाले परिजनों से मुलाकात कर बच्चों को फिर से मदरसा ले जाने के लिए बातचीत करते नजर आए। ‌

इन्होंने कहा...

मामले में सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष डॉ. अखिलेश मिश्र ने बताया कि जब तक हम बच्चों की सुरक्षा और उनके अभिभावक की सत्यता को नहीं परख लेते बच्चों को सुपुर्द नहीं किया जाएगा। 13 बच्चों के अभिभावक आवश्यक कागजात लेकर उपस्थित हुए थे। सख्त हिदायत के साथ उन्हें बच्चों को सौंपा गया है।‌


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