268 नलकूपों को ऑपरेटर की दरकार

जिले का नलकूप विभाग संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। नलकूपों का संचालन करने के लिए पर्याप्त चालक नहीं हैं और न ही कर्मचारी। जिले में 393 राजकीय नलकूप हैं। लेकिन 153 ऑपरेटर की ही तैनाती है। इनपर अतिरिक्त कार्य का भी बोझ भी डाल दिया गया है। चालकों का राजस्व कार्य में लगे होने से कई नलकूप बंद पड़े हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 02 Feb 2019 09:11 PM (IST) Updated:Sat, 02 Feb 2019 09:11 PM (IST)
268 नलकूपों को ऑपरेटर की दरकार
268 नलकूपों को ऑपरेटर की दरकार

सिद्धार्थनगर: जिले का नलकूप विभाग संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। नलकूपों का संचालन करने के लिए पर्याप्त चालक नहीं हैं और न ही कर्मचारी। जिले में 393 राजकीय नलकूप हैं। लेकिन 153 ऑपरेटर की ही तैनाती है। इनपर अतिरिक्त कार्य का भी बोझ भी डाल दिया गया है। चालकों का राजस्व कार्य में लगे होने से कई नलकूप बंद पड़े हैं। जिम्मेदार अफसर विद्युत विभाग या फिर यांत्रिक खराबी बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। इसके चलते फसलों की ¨सचाई के लिए किसान निजी साधनों का सहारा लेने को मजबूर हैं। 28 चालक अमीन, जिलेदार व मुंशी आदि का कार्य देख रहें हैं। ऐसे में 268 नलकूप बेसहारा है। विभाग के अनुसार बढ़नी के औरहवा, बभनी लंगड़ी, लोटन के ¨सगरहा और हरिगांव, खेसरहा के बंजरहा, मिठवल के भकुईया, मिठवल के केरमुआ , इटवा के मुड़िलिया, उसका के कटका, बर्डपुर के देवियापुर, कोल्हुआ व सपही गांव में लगे नलकूप बंद हैं। अधिशासी अभियंता त्रयंबक सिंह ने कहा कि लंबे समय से ऑपरेटरों की नियुक्ति न होने से समस्या बनी हुई है। फिर भी इन्हीं चालकों के सहारे सभी नलकूपों का चलाने का प्रयास किया जाता है। कर्मचारी न होने से अन्य काम भी इन्हीं के ऊपर रहता है।

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