UP News: भावनाओं के ज्वार से जनाधार बढ़ाने की जुगत में AAP, पार्टी के बड़े नेताओं की गिरफ्तारी को बना रहे मुद्दा
आप के निवर्तमान प्रदेश महासचिव दिनेश सिंह पटेल पार्टी के प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं को महंगाई व बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाने के साथ-साथ अपनी पार्टी के बड़े नेताओं की गिरफ्तारी को भी मुद्दा बनाने की नसीहत दे रहे हैं। वह समझा रहे हैं कि दिल्ली व पंजाब में हुए विकास से सत्ताधारी एनडीए गठबंधन घबराया हुआ है और जानबूझकर पार्टी को खत्म करने की साजिश रची जा रही है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आम आदमी पार्टी (आप) अपना जनाधार बढ़ाने और कार्यकर्ताओं को छिटकने से रोकने के लिए इमोशनल कार्ड खेल रही है। पार्टी उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव भले ही नहीं लड़ रही लेकिन यहां विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए के प्रत्याशियों का प्रचार करने में जुटी है। यही नहीं इसके सहारे अपने कार्यकर्ताओं को सहेजने के साथ-साथ जनाधार को बढ़ाने की जुगत में जुटी हुई है।
आप के निवर्तमान प्रदेश महासचिव दिनेश सिंह पटेल पार्टी के प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं को महंगाई व बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाने के साथ-साथ अपनी पार्टी के बड़े नेताओं की गिरफ्तारी को भी मुद्दा बनाने की नसीहत दे रहे हैं। वह समझा रहे हैं कि दिल्ली व पंजाब में हुए विकास से सत्ताधारी एनडीए गठबंधन घबराया हुआ है और जानबूझकर पार्टी को खत्म करने की साजिश रची जा रही है।
ऐसे में दिल्ली व पंजाब में आप की सरकार ने शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे अन्य क्षेत्रों में जो कुछ कार्य किए हैं, उन्हें गिनाया जा रहा है। सभी जिला कमेटियां व मोहल्ला कमेटियां प्रचार में इसे भी मुद्दा बनाकर उछाल रही हैं।
जनाधार बढ़ाने की कोशिश में 'आप'
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़े थे और 2.09 लाख वोट पाकर दूसरे नंबर पर थे। वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव पार्टी नहीं लड़ी। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में 349 प्रत्याशी उतारे और सभी की जमानत जब्त हो गई। मगर वर्ष 2023 के नगर निकाय चुनाव में उसे राहत मिली थी। तीन नगर पालिका परिषद अध्यक्ष, छह नगर पंचायत अध्यक्ष व 100 से अधिक सदस्य जीते थे। ऐसे में पार्टी जनाधार बढ़ाने की लगातार कोशिश कर रही है।
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