रेलवे स्टेशन पर डॉक्टर व एंबुलेंस की सुविधा नहीं

रेलवे स्टेशन या ट्रेन में घायल हो जाएं या अचानक तबीयत बिगड़े तो रेलवे के डॉक्टर नहीं मिलते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Oct 2018 06:10 AM (IST) Updated:Thu, 04 Oct 2018 06:10 AM (IST)
रेलवे स्टेशन पर डॉक्टर व एंबुलेंस की सुविधा नहीं
रेलवे स्टेशन पर डॉक्टर व एंबुलेंस की सुविधा नहीं

शाहजहांपुर : रेलवे स्टेशन या ट्रेन में घायल हो जाएं या अचानक तबीयत बिगड़े तो रेलवे के डॉक्टर या स्वास्थ्य विभाग से इलाज की उम्मीद न रखना। शाहजहांपुर स्टेशन पर इलाज की सुविधा ही नहीं है। ट्रेन में चोट लगे तो रेलवे अधिकारी अगले स्टेशन के लिए टरकाते हैं। किसी घायल, बीमार को अस्पताल ले जाने के लिए भी जीआरपी को इधर-उधर मुंह ताकना पड़ता है।

एक साल से बिना डॉक्टर का अस्पताल

रेलवे का अस्पताल मालगोदाम रोड पर स्थित है। एक साल से अस्पताल बिना डॉक्टर के है। केवल एक फार्मासिस्ट, एक ड्रेसर, एक अटेंडेंट सहित कुल पांच कर्मचारी हैं। कागजों पर तो अस्पताल दो शिफ्ट में सुबह आठ से दोपहर एक और शाम चार से छह बजे तक खुलता है। रेलकर्मियों को भी इलाज बाहर कराना पड़ता है। जीआरपी और आरपीएफ के सिपाही स्टेशन पर किसी यात्री के घायल होने पर उसे अस्पताल भेजने के लिए टेम्पो, ऑटो तलाशते हैं।

रोजा में भी हालात बदतर

रोजा स्थित रेलवे अस्पताल में प्राइवेट डॉक्टर संजय राय मरीज देखते हैं। लेकिन कोई महिला डॉक्टर नहीं हैं। यही डॉक्टर इमरजेंसी में शाहजहांपुर बुलाए जाते हैं। किसी महिला यात्री की तकलीफ या प्रसव पीड़ा होने पर अन्य महिला यात्री या जीआरपी की सिपाही ही आगे बढ़कर मदद करती हैं। इस बाबत रेल कर्मचारियों के संगठन नरमू ने कई बार मंडल रेल प्रबंधक को ज्ञापन देकर समस्या हल करने की मांग भी उठाई है। जीआरपी भी सीएमओ को पत्र भेजकर एम्बुलेंस की मांग कर चुकी है।

रेलवे के स्वास्थ्य निरीक्षक त्रिलोक चंद का कहना है कि यहां के अस्पताल में डॉक्टर नहीं हैं। रोजा से डॉक्टर सप्ताह में तीन दिन आते है। फिलहाल एंबुलेंस भी नहीं है। मंडल कार्यालय को कई बार पत्र लिखे जा चुके हैं।

chat bot
आपका साथी