पाकिस्तान अपने यहां मस्जिदों में धमाके की फ़िक्र करे हिंदुस्तान की नहीं : ओवैसी
आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन अध्यक्ष असद्दूदीन ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान अपने यहां मस्जिदों और स्कूलों में धमाके की फ़िक्र करे, हिंदुस्तान की नहीं।
संतकबीरनगर (जेएनएन)। आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान अमन-चैन में खलल डालता है। पाकिस्तान की मस्जिदों में बम विस्फोट और कत्ल होते हैं, लेकिन इसके बाद भी वह सबक नहीं ले रहा। वह हिंदुस्तान के मामलों में दखलंदाजी न करें, क्योंकि उसका हिंदुस्तान से कोई मुकाबला नहीं है।
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आज मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र सेमरियावा के जूनियर हाईस्कूल में सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि हिंदुस्तान से केवल आरएसएस को ही मोहब्बत नहीं है, बल्कि इस मुल्क से मुसलमानों के कई यादगार लम्हें जुड़े हुए हैं। करीब 200 साल तक राज करने वाले अंग्रेजों की गुलामी से देश को आजाद कराने के लिए मुसलमानों ने अपना खून बहाया। उलेमाओं ने अंग्रेजों के खिलाफ जिहाद छेड़ा, तब आजादी मिली। इसके बावजूद इसका श्रेय जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी, सरदार बल्लभ भाई पटेल और आजाद को मिला।
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आवैसी ने कहा कि देश के दो टुकड़े होने पर हमारे बुजुर्ग इसे अपना वतन बताते हुए जिन्ना के साथ पाकिस्तान नहीं गए। इस वफादारी के बाद भी मुसलमानों को शक की निगाह से देखा जाता है। ताजमहल, कुतुबमीनार और लालकिला जहां प्रधानमत्री तिरंगा लहराते हैं, यह सब हमारे पूर्वजों का है। मुसलमान अपनी समस्या को चुनाव के जरिये हल करें। आरएसएस की देशभक्ति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इसके पहले से मुसलमानों का वजूद है। मुसलमानों ने कांग्रेस का साथ दिया तो नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने, विश्वनाथ प्रताप भी बने। सपा, बसपा का भी साथ दिया पर क्या फायदा हुआ।
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