नहीं बनी बात, अधिवक्ता हड़ताल वापस लेने को नहीं हुए तैयार
. लेखपालों ने भी की कलम बंद हड़ताल की घोषणा
नहीं बनी बात, अधिवक्ता हड़ताल वापस लेने को नहीं हुए तैयार
जेएनएन, गुन्नौर (सम्भल): तहसील क्षेत्र में बुधवार से ही अधिवक्ताओं की कलमबंद हड़ताल जारी रही। अधिवक्ताओं की ओर से तहसील प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया गया था, इसके साथ ही लेखपालों ने भी कार्य बहिष्कार कर दिया। लेखपाल संघ व बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के मध्य में वार्ता हुई, जिसमें लेखपाल संघ की ओर से समझौते का आश्वासन दिया गया। तहसील परिसर में शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस समापन के बाद किसी बात को लेकर अधिवक्ताओं व लेखपालों में तीखी नोकझोंक के साथ ही हाथापाई हो गई थी, जिसको लेकर दोनों पक्षों में काफी विवाद हो गया था। सोमवार को एसडीएम ने दोनों पक्षों को बुलाकर समझौता करने का प्रयास किया था, जिस पर लेखपालों की ओर अधिवक्ताओं का समझौता होने का पूरा आश्वासन दिया गया था। मगर, अधिवक्ता लिखित समझौते के लिए अपनी बात पर अडिग रहे और मंगलवार को तहसील परिसर में तहसील प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए धरने पर बैठ गये। बुधवार को भी अधिवक्ताओं ने तहसील प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपना धरना प्रदर्शन जारी रखा। दोपहर के बाद लेखपाल संघ जिलाध्यक्ष सुनील कुमार यादव के साथ लेखपाल संघ के अन्य पदाधिकारी अधिवक्ताओं से वार्ता करने के लिए पहुंचे। जहां लेखपालों की ओर से समझौते का पूर्ण आश्वासन दिया गया। अधिवक्ता लिखित रूप में समझौते की जिद पर अड़े रहे। अधिवक्ताओं ने कहा कि जब तक लेखपाल लिखित में समझौता नहीं करते हैं, तब तक कलम बंद हड़ताल जारी रहेगी। समझौते का आश्वासन देने के बाद में अधिवक्ताओं का अपनी जिद पर बने रहने के बाद में लेखपालों ने भी कार्य बहिष्कार कर दिया। ऐसे में तहसील के सभी कार्यालय बंद रहे। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के तहसील सचिव प्रशांत माथुर ने बताया कि समझौता होने के बाद में भी अधिवक्ता अपनी जिद पर अड़े हैं। इसलिए अब लेखपाल संघ की ओर से निर्णय लिया गया कि अनियमितता करने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी तक सभी लेखपाल कलम बंद हड़ताल पर और तहसील के भी कार्यालय भी बंद रहेंगे। लेखपालों के धरने की अध्यक्षता रमेश चंद्र व संचालन दुष्यंत माथुर ने किया। साथ ही प्रदीप गुप्ता, अनुराधा शर्मा, सुशील यादव, चंद्रपाल सिंह ने धरने को संबोधित किया।