डीजल टैंक दुरुस्त, आइओसी के टैंकरों पर संदेह

रायबरेली परिवहन निगम के रायबरेली डिपो में भूमिगत डीजल टैंकों के रिसाव की खूब चर्चाए

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Nov 2019 11:24 PM (IST) Updated:Sun, 17 Nov 2019 06:05 AM (IST)
डीजल टैंक दुरुस्त, आइओसी के टैंकरों पर संदेह
डीजल टैंक दुरुस्त, आइओसी के टैंकरों पर संदेह

रायबरेली : परिवहन निगम के रायबरेली डिपो में भूमिगत डीजल टैंकों के रिसाव की खूब चर्चाएं हुईं, मगर अब इस पर विराम लग चुका है। जांच में दोनों टैंक पूरी तरह से दुरुस्त मिले। अब शक के दायरे में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) के वह टैंकर हैं, जिनसे डीजल की आपूर्ति होती है।

गौरतलब है कि रायबरेली डिपो में प्रतिमाह 1200 से 1500 लीटर डीजल की हेराफेरी हो रही है। सालों से यह खेल रोडवेज में चल रहा है। पड़ताल कर विभाग को लाखों के नुकसान से बचाने की जगह अब तक जिम्मेदार सिर्फ इससे पीछा ही छुड़ाते आए। दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को प्रमुखता के साथ उठाया था। जिसके बाद यह प्रकरण में चर्चा में आया। डिपो का चार्ज संभालने के बाद एआरएम अक्षय कुमार ने इसकी विधिवत छानबीन शुरू की। सबसे पहले संदेह वर्कशॉप में जमीन के अंदर लगे दो टैंकों पर था। कर्मचारी इनमें रिसाव की आशंका जता रहे थे। जिस पर एआरएम ने दोनों की पड़ताल कराई। एक-एक कर 48 घंटे दोनों टैंक बंद रखे गए। मगर, किसी में डीजल की कमी नहीं आई। इससे लीकेज की चर्चाओं पर विराम लग गया है।

टैंकर के साथ चलेगा कर्मचारी

अब अफसरों के निशाने पर आइओसी के वह टैंकर हैं, जिनसे डिपो को डीजल की आपूर्ति होती है। कहीं ऐसा तो नहीं कि प्लांट से निकलने के बाद रास्ते में खेल हो रहा हो। ऐसे में डिपो का एक कर्मचारी हर बार प्लांट से निकलते ही टैंकर पर सवार होकर आएगा। कोट

डिपो के दोनों टैंक पूरी तरह से ठीक है। आइओसी के टैंकरों पर संदेह है। इसलिए एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है। अगर, रास्ते में हेरफेर हो रहा है तो जल्द इसका पता चलेगा।

-अक्षय कुमार

एआरएम, रायबरेली डिपो

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