गांव में विकास कराने का वादा करने वाले प्रत्याशी को ही करेंगे वोट

राजीव वशिष्ट दादरी नूरपुर व बीरमपुरा गांव को मिलाकर ग्राम पंचायत का गठन हुआ है। दोनों गांवों की आबादी नौ हजार से अधिक है। ग्राम पंचायत में 3404 मतदाता हैं। गांव के मध्य से नहर गुजरती है। ग्रामीण लंबे समय से नहर का पक्का निर्माण व सुंदरीकरण की मांग कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 07:34 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 07:34 PM (IST)
गांव में विकास कराने का वादा करने वाले प्रत्याशी को ही करेंगे वोट
गांव में विकास कराने का वादा करने वाले प्रत्याशी को ही करेंगे वोट

राजीव वशिष्ट, दादरी : नूरपुर व बीरमपुरा गांव को मिलाकर ग्राम पंचायत का गठन हुआ है। दोनों गांवों की आबादी नौ हजार से अधिक है। ग्राम पंचायत में 3404 मतदाता हैं। गांव के मध्य से नहर गुजरती है। ग्रामीण लंबे समय से नहर का पक्का निर्माण व सुंदरीकरण की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नहर ग्रामीणों के लिए नासूर बन चुकी है। नहर में पसरी गंदगी से गांव में संक्रामक बीमारियों का प्रकोप है। जो भी प्रत्याशी नहर के सुंदरीकरण का वादा करेगा, अपना वोट उसी को देंगे। सेना में भर्ती होना चाहते है गांव के युवा : बीरपुरा गांव के युवा सूबेदार जय सिंह को अपना आदर्श मानते हैं। सूबेदार जयसिंह कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मन से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। उनकी प्रतिमा गांव में स्थापित है। गांव के एक दर्जन से अधिक युवा सेना में भर्ती भी हो चुके हैं। गांव में मुस्लिम व जाट बिरादरी के लोग हैं। वर्जन..

आसपास में कई आदर्श गांव विकसित हो रहे हैं। नूरपुर गांव का विकास भी इसी तर्ज पर होना चाहिए। गांव में स्कूल, स्वास्थ्य, यातायात आदि मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।

-अखतर, निवासी नूरपुर गांव नहर के दोनों तरफ बसा है। नहर में गंदा पानी बहता है। इससे गांव में मच्छरजनित बीमारियों का प्रकोप है। नहर का सुंदरीकरण होना चाहिए।

-आफताब शिक्षित प्रत्याशी को वोट देंगे, ताकि वो गांव में शिक्षा का स्तर सुधार सके। गांव में इंटर कालेज व यातायात की सुविधा न होने से लोग खासकर अपनी बच्चियों को बाहर पढ़ने भेजने से कतराते हैं। लड़कियां अशिक्षित रह जाती हैं।

-गुल्लू प्रधान बनने के बाद प्रत्याशी वादा कर भूल जाते हैं। ऐसा प्रधान चुना जाएगा जो ग्रामीणों के विश्वास पर खरा उतरे।

-हाजी बाबू उर्फ मुर्सलीम

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पिछले पांच सालों में गांव में हुए विकास कार्य

-गांव की सड़क व नालियां पक्की हो चुकी हैं।

-315 शौचालयों का निर्माण कराया गया है।

-अंत्येष्टि स्थल का सुंदरीकरण हो चुका है।

-दोनों प्राथमिक स्कूलों का सुंदरीकरण हो चुका है।

-सौ लोगों को वृद्धा, दिव्यांग व विधवा पेंशन।

-पांच सौ लोगों के मनरेगा जॉब कार्ड बनाए गए।

-तालाबों का सुंदरीकरण। ग्रामीणों की मांग

-नहर का सुंदरीकरण कराया जाए।

-गांव में बच्चों के लिए लाइब्रेरी की स्थापना की जाए।

-बच्चों के लिए खेल का मैदान।

-गांव में इंटर कॉलेज का निर्माण।

-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया जाए।

गांव में अब तक बने प्रधान

सुखपाल , लेखराज, यशवीर, यामीन, भूले सिंह, अमन, हाजी बाबू उर्फ मुर्सलीम, नफीस अहमद।

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नूरपुर-बीरपुरा ग्राम पंचायत एक नजर में

आबादी -नौ हजार

मतदाता- 3404

साक्षरता - 40 फीसद

नौकरी पेसा - 20 फीसद

ग्रामीणों का प्रमुख व्यवसाय- मजदूरी, खेती, पशुपालन

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