मॉल के बाहर अवैध पार्किग, सड़क पर जाम

कुंदन तिवारी, नोएडा : पार्किंग के नाम पर सेक्टर-38ए स्थित द ग्रेट इंडिया प्लेस (जीआइपी) शॉपिंग मॉल क

By Edited By: Publish:Fri, 24 Oct 2014 06:46 PM (IST) Updated:Fri, 24 Oct 2014 06:46 PM (IST)
मॉल के बाहर अवैध पार्किग, सड़क पर जाम

कुंदन तिवारी, नोएडा : पार्किंग के नाम पर सेक्टर-38ए स्थित द ग्रेट इंडिया प्लेस (जीआइपी) शॉपिंग मॉल के बाहर गोरखधंधा चलाया जा रहा है, लेकिन जानकारी के बावजूद नोएडा प्राधिकरण, टै्रफिक पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी आंख बंद कर बैठे हैं। इससे पार्किंग माफिया के हौसले बुलंद हैं। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि जब शॉपिंग काम्पलेक्स या मॉल के बाहर किसी भी प्रकार से पार्किंग का नियम ही नहीं है तो किसके निर्देश पर मॉल के ठीक बाहर वाहन पार्किंग कर शुल्क वसूला जा रहा है।

हैरानी की बात यह है कि वाहन पार्किंग में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की मेट्रो लाइन के नीचे की जगह तक को नहीं छोड़ा गया है, जबकि डीएमआरसी के किसी भी क्षेत्र में पोस्टर लगाना प्रतिबंधित है। ऐसे में मेट्रो लाइन के नीचे अवैध पार्किंग कैसे चल रही है? यह बात समझ से परे है। हैरानी तो तब हुई जब यह देखा गया कि मॉल के गेट पर दो-दो पुलिस चौकी बनी है, फिर भी यह गोरखधंधा फल-फूल रहा है।

ऐसे में नोएडा प्राधिकरण से जब पार्किंग ठेका सूची ली गई, तो उसमें इस पार्किंग को जीआइपी के सामने सूचीबद्ध तो किया गया है, लेकिन जगह निर्धारित नहीं है। ऐसे में इसका मतलब यह हुआ कि 1.47 हेक्टेयर में बने इस मॉल के बाहर जितनी दूरी तक चाहें वाहन पार्क कर पार्किग माफिया वसूली कर सकते हैं। उधर, राज्य सड़क अधिनियम यह कहता है कि किसी भी मुख्य मार्ग पर पार्किंग हो ही नहीं सकती है। अगर कहीं पर इसकी आवश्यता है तो वह जिला प्रशासन की ओर से निर्धारित की जाएगी।

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प्राधिकरण नियमों के आधार पर मैं यह कह सकता हूं कि यहां पर वाहन पार्किंग हो ही नहीं सकती है। एक तो यह शॉपिंग मॉल का ओपन स्पेस है, जहां पर मॉल संचालक को ग्रीन बेल्ट के रूप में इसे विकसित करना चाहिए था। अगर ऐसा नहीं किया गया है। इस जगह को कंक्रीट से पटवा दिया है और वाहन पार्किंग के रूप में इस्तेमाल कराया जा रहा है।

-मनोज कुमार, आरटीआइ कार्यकर्ता

यह भी है नियम

एक बारगी यह मान भी लिया जाए कि नोएडा प्राधिकरण की ओर से वाहन पार्किंग हो रही है, लेकिन प्राधिकरण का एक्ट ही इसकी इजाजत नहीं देता है। नियमानुसार जिस सड़क को प्राधिकरण की ओर से एक बार विकसित कर जनता को समर्पित कर दिया गया। वह सड़क राज्य सरकार के अधीन चली जाती है। यहां पर प्रदेश सरकार का नियम लागू होता है। ऐसे में सड़क पर वाहन पार्किंग नहीं होनी चाहिए।

जनता के लिए स्पष्ट करना होगा

कोई इस जगह पर जबरन वाहन पार्किंग कर शुल्क वसूली नहीं कर सकता है, लेकिन ऐसा खुले आम हो रहा है। ऐसे में इस मामले पर कौन जिम्मेवार है? इसको जनता के सामने जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और नोएडा प्राधिकरण को स्पष्ट करना होगा।

बस स्टॉप की जगह भी घेरी

जीआइपी के बाहर तीन बस स्टॉप बनाए गए हैं, लेकिन इन जगहों पर पार्किग के चलते लोगों के खड़े होने की जगह नहीं है। बची जगह पर ऑटो वालों ने कब्जा कर रखा है। इसे हटवाने की जिम्मेवारी टै्रफिक पुलिस की होनी चाहिए, लेकिन उन्हें भी यह समस्या दिखाई नहीं दे रही है।

जीआईपी पार्किंग की स्थिति

जीआइपी में प्रत्येक शनिवार व रविवार को सात से आठ हजार वाहन पार्किंग में लगते हैं, लेकिन दस हजार वाहन और भी आ जाएं तो मॉल में पार्किंग की समस्या नहीं है। यहां पर एक मुश्त राशि पार्किंग की लगती है। आम दिनों में सुबह दस बजे से रात दस बजे तक दुपहिया के लिए 15 रुपये और चार पहिया के लिए 30 रुपये शुल्क निर्धारित है। रविवार और शनिवार की छुट्टी पर यह शुल्क 20 व 40 रुपये हो जाता है।

मॉल के बाहर शुल्क की दर

जीआइपी के बाहर वाहन पार्किंग में पांच रुपये दुपहिया और दस रुपये चार पहिया वाहन का शुल्क निर्धारित है, लेकिन दो घंटे बाद से शुल्क में बढ़ोतरी शुरू हो जाती है। इसका कोई भी मानक निर्धारित नहीं है। कहने को यह पार्किंग सुबह नौ बजे से रात 11 बजे तक निर्धारित है, लेकिन इसके बाद या पहले भी इस पार्किंग जारी रहती है।

-जिन्होंने पार्किंग का ठेका दिया है। उन्हीं से इस मामले पर बात करके जवाब दिया जा सकता है।

-चंद्रकांत, जिला अधिकारी, गौतमबुद्ध नगर।

-ठेके के साथ स्पेस भी निर्धारित किया गया है। ऐसे में जहां स्पेस निर्धारित है, वहीं वाहन पार्किंग कर शुल्क वसूली की जानी चहिए।

-वीके पवार, एसीईओ, नोएडा प्राधिकरण।

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