आगजनी और तोड़फोड़ में हुआ था करोड़ों का नुकसान

एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में हुए उपद्रव में शहर में कई स्थानों पर आगजनी व तोड़फोड़ हुई थी। इसमें करोड़ो रुपये की निजी व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। उपद्रव में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि एसपी सिटी सहित 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 10:40 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 10:40 PM (IST)
आगजनी और तोड़फोड़ में हुआ था करोड़ों का नुकसान
आगजनी और तोड़फोड़ में हुआ था करोड़ों का नुकसान

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में हुए उपद्रव में शहर में कई स्थानों पर आगजनी व तोड़फोड़ हुई थी। इसमें करोड़ो रुपये की निजी व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। उपद्रव में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि एसपी सिटी सहित 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

दो अप्रैल 2018 को भीम आर्मी ने भारत बंद का आह्वान किया था। बंद के दौरान जीआइसी मैदान में एकत्र भीड़ रेल रोकने के लिए ट्रेक पर पहुंच गई थी। पुलिस के रोकने पर भीड़ उग्र हो गई थी और नई मंडी कोतवाली पर हमला बोल दिया था। कोतवाली के बाहर खड़े सरकारी तथा निजी वाहनों में आग लगा दी गई थी।

नई मंडी कोतवाली में कैद हो गए थे पुलिस कर्मी

दो अप्रैल को हुए बवाल के दिन उग्र भीड़ ने नई मंडी कोतवाली को चारों और से घेर लिया था। रेल लाइन तथा जानसठ पुल से भी पथराव किया जा रहा था। उग्र भीड़ को काबू करने के लिए अश्रु गैस के गोले छोड़े गए थे। बावजूद भीड़ ने कोतवाली पर हमला बोल दिया था। जिसमें तत्कालीन एसपी सिटी ओमवीर सिंह, सीओ नई मंडी योगेन्द्र सिंह, प्रभारी निरीक्षक हरशरण शर्मा सहित 20 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए थे। रेलवे स्टेशन पर हालात का जायजा लेने पहुंचे तत्कालीन डीएम राजीव शर्मा व एसएसपी अनंत देव तिवारी को भीड़ ने घेर लिया था तो उसे तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आश्रु गैस के गोले छोड़ने पड़े थे।

तीन आरोपितों पर लगी थी रासुका, कई को जेल

उपद्रव में पुलिस ने आरोपितों पर विभिन्न संगीन धाराओं में कार्रवाई की थी। उपद्रव के तुरंत बाद जबरदस्त गिरफ्तारियां की गई थी। 41 नामजदों को पुलिस ने शुरुआती दो दिनों में गिरफ्तार कर लिया था। जबकि अन्य की गिरफ्तारी एक माह तक चली थी। जिला प्रशासन की संस्तुति पर शासन ने उधम सिंह सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास मेडियन निवासी बागोवाली, भीम आर्मी जिलाध्यक्ष उपकार बावरा तथा अर्जुन सिंह निवासीगण अलमासपुर पर रासुका की कार्रवाई की थी। सभी एक साल से अधिक तक जेल में रहना पड़ा था।

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