किसान मसीहा सर छोटूराम को भाकियू तोमर ने किया नमन

छपार क्षेत्र के रामपुर तिराहा स्थित भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) तोमर के कार्यालय पर मंगलवार को किसान मसीहा दीनबंधु छोटूराम की जयंती मनाई गई। राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी संजीव तोमर ने पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ उनके चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी। संजीव तोमर ने कहा सर छोटूराम ने अंग्रेजों से किसानों के अधिकार दिलाने के लिए काफी संघर्ष किया। हमें भी उनके नक्शे कदम पर चलते हुए किसानों के हक लड़ाई लड़नी होगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Feb 2021 11:35 PM (IST) Updated:Tue, 16 Feb 2021 11:35 PM (IST)
किसान मसीहा सर छोटूराम को भाकियू तोमर ने किया नमन
किसान मसीहा सर छोटूराम को भाकियू तोमर ने किया नमन

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। छपार क्षेत्र के रामपुर तिराहा स्थित भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) तोमर के कार्यालय पर मंगलवार को किसान मसीहा दीनबंधु छोटूराम की जयंती मनाई गई। राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी संजीव तोमर ने पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ उनके चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी। संजीव तोमर ने कहा सर छोटूराम ने अंग्रेजों से किसानों के अधिकार दिलाने के लिए काफी संघर्ष किया। हमें भी उनके नक्शे कदम पर चलते हुए किसानों के हक लड़ाई लड़नी होगी। सभी राजनीतिक दल किसानों का शोषण करते हैं। विपक्ष में होने पर किसानों की बात की जाती है, जबकि सरकार बनने पर किसानों को भुला दिया जाता है। किसानों को पता है कि उनका भला किसमें है। उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार से कृषि कानून वापस लेने की मांग की। सर छोटूराम को भी 1930 में दो महत्वपूर्ण कानून पास कराने का श्रेय दिया जाता है, जिनसे किसानों को साहूकारों के शोषण से मुक्ति मिल सकी थी। पंजाब रिलीफ इंडेब्टनेस (1934) और द पंजाब डेब्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट (1936) आदि कानून पारित हुए। इन कानूनों में कर्ज का निपटारा किए जाने, उसके ब्याज व किसानों के मूलभूत अधिकारों से जुड़े प्रावधान थे। सर छोटूराम ने किसानों को साहूकारों से आजादी दिलाने के लिए कानून बनाए। परंतु आज केंद्र की भाजपा सरकार ने भी कृषि कानून पारित करके अंग्रेजी हुकूमत की याद ताजा कर दी है। कृषि कानून किसान के हित में नहीं है। सरकार जबरन इन्हें किसानों पर थोप रही है। देशभर के किसान 83 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं, परंतु सरकार अड़ी हुई है। कहा कि कृषि कानून की वापसी तक भाकियू तोमर संघर्ष करती रहेगी। इस दौरान शहजाद मलिक, परमजीत, निखिल चौधरी, पवन त्यागी, जावेद, मुनीर आलम, दिलशाद, सतबीर सिंह, खुशनसीब, अजय त्यागी, प्रमोद शर्मा, अरसद, अनेक सिंह, कयूम व सलमान आदि मौजूद रहे।

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