Tantra Ke Gan : मुरादाबाद जिला अस्पताल में लावारिसों के सहारा बने वार्ड ब्वॉय अरविंद, जेई किशन लाल ने भी न‍िभाई ज‍िम्‍मेदारी

कोरोना काल में अस्पताल पहुंचे लावारिसों की देखभाल में जिला अस्पताल के वार्ड ब्वॉय ने कोई कोताही नहीं बरती। खुद कोरोना संक्रमित होने के बावजूद नहीं छोड़ी समाजसेवा। जेई क‍िशनलाल भी लगातार जरूरतमंदों को भोजन उपलब्‍ध कराते रहें।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 06:44 AM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 06:44 AM (IST)
Tantra Ke Gan : मुरादाबाद जिला अस्पताल में लावारिसों के सहारा बने वार्ड ब्वॉय अरविंद, जेई किशन लाल ने भी न‍िभाई ज‍िम्‍मेदारी
मरीज चलने-फिरने की स्थिति में आ गया तो उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।

मुरादाबाद, जेएनएन। जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारो, फिल्म के गीत के ये बोल जिला अस्पताल के वार्ड ब्वॉय पर बिलकुल फिट बैठते हैं। अस्पताल की इमरजेंसी में ड्यूटी करने वाले अरविंद कुमार भारद्वाज ज्यादातर रात की ड्यूटी करते हैं। कोरोना काल में जब लोग रात की ड्यूटी से बच रहे थे तो वह अपनी ड्यूटी रात में ही लगवा रहे थे। लॉकडाउन में सड़क किनारे पड़े लावारिसों को एंबुलेंस से अस्पताल लाकर चालक भर्ती कराने के बाद चले जाते थे। ऐसे लोगों की देखभाल करने में वार्ड ब्वॉय ने अहम भूमिका न‍िभाई।

अरविंद उन्हें खाना देने से लेकर दवा देने तक का काम पूरी जिम्मेदारी से करते रहे। समाज के लोगों की सेवा करते-करते 29 जून को वे संक्रमित भी हो गए। 10 जुलाई को ठीक होने के बाद 12 जुलाई से फिर ड्यूटी करने के लिए पहुंच गए। 15 जुलाई को मनोकामना मंदिर के पास से एक व्यक्ति को गंभीर हालत में एंबुलेंस चालक ने भर्ती कराया था। उसके परिवार का कोई नहीं था। मरीज को भर्ती करने के बाद रैन बसेरे में बेड पर भर्ती कर दिया गया। इसके बाद वार्ड ब्वाय ने लगातार उसकी सेवा की। 10 दिन के इलाज के बाद मरीज चलने-फिरने की स्थिति में आ गया तो उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।

लावारिस मरीजों की देखभाल में स्टाफ पूरी तरह जुटा रहता है। लॉकडाउन में भी लावारिसों की पूरी देखभाल की गई। उन्हें अस्पताल की कैंटीन से ही खाना उपलब्ध कराया गया। इसमें सभी कर्मचारियों ने बेहतर प्रदर्शन किया। उस दौरान बाजार बंद होने से उन्हें खाना कौन खिलाता। इस वजह से ऐसे लोगों के लिए व्यवस्था कराई जाती रही।

डॉ. राजेंद्र कुमार, चिकित्सा अधीक्षक

कोरोना काल में भोजन बांटते समय भीड़ से घिर जाते थे जेई किशन लाल

कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बगैर जेई किशनलाल ने गरीबों व भिखारियाें को तीन महीने तक भोजन बांटा था। कोरोना काल में जब दूसरे लोग दो गज की दूरी बनाकर भीड़ से बचने की कोशिश कर रहे थे, तब जेई किशन लाल भोजन बांटते समय गरीबों की भीड़ में घिर जाते थे। 24 मार्च से 24 जून तक उन्होंने भोजन के पैकेट बांटे। रेलवे स्टेशन, रोडवेज, आश्रय स्थल, शेल्टर होम, चौराहे, बुधबाजार समेत तमाम क्षेत्रों में भोजन बांटा था। सुबह 800 व शाम को 700 पैकेट उन्होंने तीन महीने तक बांटे। कोरोना वारियर्स की भूमिका निभाने वाले जेई किशन लाल के कार्यों से नगर निगम के अफसर भी प्रभावित हैं। जेई किशन लाल ने करीब एक लाख 11 हजार भोजन के पैकेट बांटे थे।

chat bot
आपका साथी