एनजीटी ने औद्योगिक इकाई पर लगाया 2.49 करोड़ का हर्जाना, जानिए क्या है पूरा मामला Amroha news

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति की अध्यक्षता वाली पीठ ने दायर रिपोर्ट का संज्ञान लिया। रिपोर्ट में कहा गया था कि सीएल गुप्ता एक्सपोर्ट लिमि- निर्धारित मानदंडों के अनुपालन नहीं कर रहे है

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 07 Dec 2019 12:05 PM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 12:05 PM (IST)
एनजीटी ने औद्योगिक इकाई पर लगाया 2.49 करोड़ का हर्जाना, जानिए क्या है पूरा मामला Amroha news
एनजीटी ने औद्योगिक इकाई पर लगाया 2.49 करोड़ का हर्जाना, जानिए क्या है पूरा मामला Amroha news

मुरादाबाद।  जनपद अमरोहा में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने शुक्रवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को रामगंगा नदी को प्रदूषित करने और अमरोहा में अवैध रूप से भूजल निकालने पर औद्योगिक इकाई से 2.49 करोड़ रुपये हर्जाना वसूलने का निर्देश दिया।

क्‍या है पूरा मामला 

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने दायर रिपोर्ट का संज्ञान लिया। रिपोर्ट में कहा गया था कि औद्योगिक इकाई -सीएल गुप्ता एक्सपोर्ट लिमिटेड अमरोहा में प्रवाह उपचार संयंत्र (ईटीपी) और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) निर्धारित मानदंडों के अनुपालन में नहीं है। एनजीटी ने केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) जानकारी तलब की। रिपोर्ट में उल्लेख था कि अत्यधिक अम्लीय अपशिष्टों का भी निपटारा नहीं किया। लगातार भूजल से प्रदूषण और वनस्पति को खतरा है। पीठ ने कहा कि लकड़ी, कांच और धातु प्रभाग के लिए आधुनिक ईटीपी की आवश्यकता है। इसे पूर्ण शून्य तरल निर्वहन प्रणाली पर काम करना होगा और भूमि पर किसी भी प्रकार के अपशिष्ट को निपटान के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी।

2020 से पहले अनुपालन र‍िपोर्ट मांगी 

पीठ ने कहा, यूनिट के पास भूजल बोर्ड से अनुमति नहीं है और इस तरह (भूमिगत) अवैध रूप से भूजल का दोहन किया जा रहा है। पीठ ने 2,49,71,157 रुपये के मुआवजे तय किया। केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) की रिपोर्ट पर एनजीटी ने कहा भूजल को वाणिच्यिक प्रायोजनों के लिए निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। पीठ ने आदेश के अनुपालन के लिए सीपीसीबी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सीजीडब्ल्यूए और जिला मजिस्ट्रेट को कार्रवाई करने के लिए 31 जनवरी 2020 से पहले अनुपालन रिपोर्ट मांगी है।

न तो भूजल का दोहन, न नियमों का उल्लंघन

सुनवाई के दौरान सीजीडब्ल्यूए की रिपोर्ट का संज्ञान नहीं लिया गया है। रामगंगा अमरोहा से दूर है। हम कैसे प्रदूषित कर सकते हैं। अभी इसमें वक्त है। हम अपनी बात रखेंगे। हमारी फर्म सभी नियमों का अनुपालन करती है। दूसरी फर्मों का अपशिष्ट सड़क पर फैलता है। हमारी फर्म न तो भूजल का दोहन कर रही है न ही कोई नियमों का उल्लंघन। अजय गुप्ता, एमडी, सीएल गुप्ता एक्सपोर्ट लिमिटेड, अमरोहा

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