पीछे की लाइन में कुर्सी लगाने पर भड़के मुरादाबाद भाजपा ज‍िलाध्‍यक्ष, तेवर को लेकर रहते हैं चर्चा में

Mass wedding celebrations in Moradabad मुख्यमंत्री के आगमन का समय हो रहा था और मंच पर गहमागहमी और बहस चल रही थी। आखिरकार अन्य नेताओं के समझाने के बाद वह मान गए और अपने निर्धारित स्थान पर ही बैठे। लेकिन उनके बर्ताव को दस मिनट तक सभी परेशान रहे।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Tue, 16 Feb 2021 11:31 AM (IST) Updated:Tue, 16 Feb 2021 11:31 AM (IST)
पीछे की लाइन में कुर्सी लगाने पर भड़के मुरादाबाद भाजपा ज‍िलाध्‍यक्ष, तेवर को लेकर रहते हैं चर्चा में
मुरादाबाद में पीछे की लाइन में कुर्सी लगाए जाने से बिगड़ा भाजपा जिलाध्यक्ष का मूड।

मुरादाबाद, जेएनएन। भाजपा जिलाध्यक्ष कार्यक्रम के दौरान एक बार फिर से चर्चा में आए गए। मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले फ्रंट लाइन में अपनी सीट लगाने को लेकर खूब हंगामा हुआ। इस दौरान वहां मौजूद अन्य नेताओं के साथ ही अधिकारियों ने उन्हें समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। दरअसल सोमवार को शहर में सामूह‍िक व‍िवाह का आयोजन था। इसके ल‍िए विशालकाय मंडप बनाए गए थे। इनके सामने की ओर एक विशाल मंच भी बना था। जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कार्यक्रम में शामिल होने वाले अन्य मंत्रियों व भाजपा के पदाधिकारियों के बैठने की व्यवस्था की गई थी।

मंच पर दो लाइन में कुर्सियां लगाई गईं, जो पद और कैडर के अनुसार थीं। पहली लाइन के मध्य में मुख्यमंत्री की कुर्सी डाली गई, इसके दोनों ओर मंत्रियों, क्षेत्रीय अध्यक्ष, सांसद और विधायकों की कुर्सी लगाई गई थीं। पीछे की लाइन में संगठन के पदाधिकारियों व मंडल के अन्य विधायकों की कुर्सी थीं। भाजपा जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह की कुर्सी भी दूसरी पंक्ति में रखी गई। मुख्यमंत्री के आगमन से पूर्व ही जिन लोगों के मंच पर बैठने की व्यवस्था की गई थी, वे पहुंच गए। जिलाध्यक्ष ने जब अपनी कुर्सी पीछे की लाइन में देखी तो वे भड़क गए। इसके बाद वे आगे वाली लाइन में अपनी कुर्सी लगाने लगे। उन्हें ऐसा करते देख वहां मौजूद अधिकारियों रोकने का प्रयास किया तो वे पूरी तरह से बिफर उठे और अपनी कुर्सी आगे लगाए जाने की जिद पर अड़ गए। जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों ने भी उन्हें समझाया कि आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार का है, इसलिए नियमानुसार संगठन के पदाधिकारियों को पीछे की लाइन में स्थान दिया गया है। कई विधायकों की कुर्सी भी उनके आसपास है, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं हुए। तब कांठ विधायक राजेश कुमार चुन्नू ने भी उनसे बातचीत की। इसके बावजूद वह जिद पर अड़े रहे। उनके तेवर से अधिकारियों की बेचैनी बढ़ गई। बाद में समझाने पर ज‍िलाध्‍यक्ष मान गए। 

अपने तेवर को लेकर चर्चा में रहते हैं जिलाध्यक्ष

भाजपा जिलाध्यक्ष अपने तेवरों को लेकर खासे चर्चा में रहते हैं। 26 जनवरी को भी भाजपा कार्यालय पर रखे गए ध्वजारोहण कार्यक्रम में पंचायती राज मंत्री को झंडा फहराना था। लेकिन, जिलाध्यक्ष ने निर्धारित समय से पूर्व पहुंचकर ध्वजारोहण कर दिया था। 

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