चन्दौसी के हैं सीबीआइ टीम को हिरासत में लेने वाले कोलकाता पुलिस आयुक्त

कोलकाता में चिटफंड कांड की जांच करने के लिए गई सीबीआइ की टीम को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस घटना के बाद चर्चा में आए कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार सम्भल के चन्दौसी के रहने वाले हैं। यहां के उनके मकान में उनकी मां मुन्नी देवी गुप्ता ही रहती हैं। उनका भाई शरद डॉक्टर है, जो जयपुर में प्रैक्टिस करते हैं।

By RashidEdited By: Publish:Mon, 04 Feb 2019 12:29 AM (IST) Updated:Mon, 04 Feb 2019 12:29 AM (IST)
चन्दौसी के हैं सीबीआइ टीम को हिरासत में लेने वाले कोलकाता पुलिस आयुक्त
चन्दौसी के हैं सीबीआइ टीम को हिरासत में लेने वाले कोलकाता पुलिस आयुक्त

मुरादाबाद(जेएनएन)। कोलकाता में चिटफंड कांड की जांच करने के लिए गई सीबीआइ की टीम को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस घटना के बाद चर्चा में आए कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार सम्भल के चन्दौसी के रहने वाले हैं। यहां के उनके मकान में उनकी मां मुन्नी देवी गुप्ता ही रहती हैं। उनका भाई शरद डॉक्टर है, जो जयपुर में प्रैक्टिस करते हैं। मां से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने दरवाजा नहीं खोला जबकि फोन पर डॉ. शरद ने बताया कि राजीव ईमानदार अधिकारी हैं। वह जो करते हैं वह सही करते हैं। मुझे और पूरी चन्दौसी को उनके काम पर गर्व है।

यहां पर सिर्फ मां रहती हैं और भाई डॉक्टर जयपुर में करते हैं प्रैक्टिस

चन्दौसी स्थित आवास के पड़ोस में रहने वाले लोगों ने बताया कि राजीव के परिवार का बहुत मिलनसार है। वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के काफी करीबी माने जाते हैं। उनका सिक्का चन्दौसी में इतना चलता है कि रात में उनके घर के आसपास स्थानीय पुलिस तैनात रहती है। लोगों ने बताया कि राजीव के पिता चन्दौसी निवासी प्रोफेसर आनंद मुरादाबाद लोकसभा सीट से पहले सांसद थे। चन्दौसी के अधिकांश लोग इन्हें कांग्रेसी मानते थे। चन्दौसी स्थित मकान में सिर्फ मां रहती हैं जबकि भाई डॉक्टर है, जो जयपुर में प्रैक्टिस करता हैं।

 सीबीआइ टीम को कोलकाता पुलिस के हिरासत में लेने के बाद चर्चा में आए

कांग्रेस के दिग्गज नेताओं से इनका काफी लगाव था, लेकिन जब से राजीव कुमार कोलकाता में पुलिस आयुक्त बने तो चन्दौसी में चर्चा होने लगी कि वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि राजीव ईमानदार अधिकारी हैं। किसी के दवाब में काम नहीं करते थे। कोई भी ईमानदार अधिकारी के खिलाफ इस तरह का आरोप लगाकर सीबीआई भेजी जाएगी तो उसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।

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