सहकारी समितियों पर खाद गायब, निजी दुकानों पर लूट

जिले में खेती के लिए आसानी से व उन्नत गुणवत्ता के उर्वरक रासायनिक खाद दवाइयां व बीज उपलब्ध कराने के लिए बनी सहकारी समितियां इस समय स्टोरेज की समस्या की शिकार हो गई हैं। हालात यह है कि अभी धान की रोपाई शुरु ही हुई है और समितियों में उर्वरक का स्टाक खत्म हो गया है। इसकी वजह से किसानों को निजी दुकानों से महंगी खाद खरीदनी पड़ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Aug 2019 05:58 PM (IST) Updated:Tue, 20 Aug 2019 02:05 AM (IST)
सहकारी समितियों पर खाद  गायब, निजी दुकानों पर लूट
सहकारी समितियों पर खाद गायब, निजी दुकानों पर लूट

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिले में खेती के लिए आसानी से व उन्नत गुणवत्ता के उर्वरक, रासायनिक खाद, दवाइयां व बीज उपलब्ध कराने के लिए बनी सहकारी समितियां इस समय स्टोरेज की समस्या की शिकार हो गई हैं। हालात यह है कि अभी धान की रोपाई शुरु ही हुई है और समितियों में उर्वरक का स्टाक खत्म हो गया है। इसकी वजह से किसानों को निजी दुकानों से महंगी खाद खरीदनी पड़ रही है।

खाद की सबसे ज्यादा किल्लत मझवां ब्लाक में है जहां महामलपुर को छोड़कर किसी भी सहकारी समिति में किसानों के लिए उपलब्ध नहीं। गोतवां-जमुआं सहकारी समिति से खाद लेने वाले किसान दुनाई गांव निवासी संतोष शुक्ला, गोरही निवासी देवनारायण व गोतवां निवासी अनुराग सिंह ने बताया कि धान की फसल के लिए इस समय डीएपी व यूरिया की सबसे ज्यादा जरुरत है लेकिन केंद्र पर नहीं मिल रहा है। यूरिया व डीएपी निजी दुकानों पर 40 से 100 रुपया प्रति बोरी अधिक देकर किसान खरीदने को मजबूर हैं। यह हालात सिर्फ मझवां ब्लाक में नहीं बल्कि जिले के सभी 86 सहकारी समितियां काम कर रही हैं, जहां से किसानों को उचित मूल्य पर डीएपी, यूरिया व अन्य रासायनिक उर्वरक मिलते हैं। लेकिन इन दिनों इन सहकारी समितियों से खाद लगभग गायब हो चुका है।

सचिव की लापरवाही से वापस खाद

एक तरफ किसान खाद के लिए परेशान हैं वहीं दूसरी तरफ अधिकारियों की लापरवाही के कारण खाद वापस कर दी गई। गोतवां-जमुआं सहकारी समिति केंद्र पर सचिव के न रहने से एक ट्रक यूरिया वापस चली गई जिसे बाद में गोधना सहकारी समिति पर उतारा गया। इसे लेकर क्षेत्र के किसानों में काफी आक्रोश है।

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