UP Chunav 2022 : 'साहब... कैसे होगी मेरी शादी, चुनाव में लगी है ड्यूटी'

UP Vidhan Sabha Election 2022 मेरठ में विधानसभा चुनाव 2022 के लिए ड्यूटी आदेश सोमवार और मंगलवार को कार्मिकों को मिले। जिसके साथ ही खलबली मच गई है। विकास भवन में ड्यूटी कटवाने के लिए कार्मिकों की भीड़ जुट गई है।

By Parveen VashishtaEdited By: Publish:Wed, 19 Jan 2022 12:39 PM (IST) Updated:Wed, 19 Jan 2022 12:39 PM (IST)
UP Chunav 2022 : 'साहब... कैसे होगी मेरी शादी, चुनाव में लगी है ड्यूटी'
विकास भवन में ड्यूटी कटवाने के लिए कार्मिकों की भीड़ जुट गई है।

मेरठ, जागरण संवाददाता। 'साहब, मेरी खुद की 8 फरवरी को शादी है। मेरी पुत्री की शादी है। हम दोनों पति और पत्नी की चुनाव ड्यूटी लगा दी गई है। मुझे कैंसर हैं। मैं दिल का मरीज हूं। मैं सात महीने की गर्भवती हूं। मुझे जनवरी में ही प्रसव हुआ है। घर में छोटे बच्चे हैं। मेरी चुनाव कार्य में दो-दो ड्यूटी लगा दी गई हैं।' ये सभी कारण गिनाते हुए मंगलवार को सीडीओ कार्यालय पहुंचे सैकड़ों कर्मचारियों अधिकारियों ने अपनी चुनाव ड्यूटी कटवाने की मांग की।

कार्मिकों को मिले चुनाव ड्यूटी के आदेश

विधानसभा चुनाव 2022 के लिए ड्यूटी आदेश सोमवार और मंगलवार को कार्मिकों को मिले। जिसके साथ ही खलबली मच गई है। मंगलवार सुबह से ही विकास भवन में ड्यूटी कटवाने के लिए कार्मिकों की भीड़ जुट गई। दिनभर में तीन सौ से ज्यादा प्रार्थनापत्र सीडीओ कार्यालय पहुंचे। सभी की अपनी समस्या थी।

हर कोई अपनी समस्या को गंभीर बता रहा था। ऐसे प्रार्थना पत्रों को प्राप्त करने की जिम्मेदारी सीडीओ द्वारा जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी पंकज कुमार को दी गई है। सीडीओ व प्रभारी कार्मिक शशांक चौधरी का कहना है कि जिन कर्मियों की वास्तविक परेशानी है उनकी ड्यूटी जांच कराकर हटा दी जाएगी।

कर्मचारियों की प्रमुख समस्याएं

कोरोना संक्रमण

खुद को अथवा परिवार में किसी को कैंसर, ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, किडनी फेल

गर्भवती महिला और हाल ही में प्रसव हुआ

घर में अत्यधिक छोटे बच्चे

खुद की अथवा पुत्र-पुत्री की शादी

एक आदमी की डबल ड्यूटी, पति-पत्नी दोनों की ड्यूटी।

बोले प्रोफेसर, चुनाव में कम से कम मिले मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी 

मेरठ, जागरण संवाददाता। चुनाव में जिला प्रशासन द्वारा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। इसमें बेसिक, माध्यमिक, विश्वविद्यालय और डिग्री कालेजों के शिक्षक और शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को भी जिम्मेदारी दी जा रही है। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विवि और डिग्री कालेजों के प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर को पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी बनाया गया है। इसे लेकर शिक्षकों ने विरोध दर्ज कराया है। डिग्री कालेजों के प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर का कहना है कि नौ हजार और 10 हजार का ग्रेड पे और पद को देखते हुए उन्हें कम से कम चुनाव में मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी मिलनी चाहिए। इसे लेकर कुछ शिक्षकों की ओर से राजभवन में शिकायत दर्ज की गई है। कुछ डिग्री कालेज के शिक्षकों ने विवि की परीक्षा और पढ़ाई को आधार बनाकर चुनाव ड्यूटी से छूट मांगी है। मंगलवार को कुछ शिक्षकों ने इसे लेकर सीडीओ कार्यालय में भी आवेदन किया है।

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