शिक्षा जगत को अपूरणीय क्षति दे गए सोनू शेखर
समय कुछ भी हो समस्या किसी की भी हो एक फोन काल पर उसे अपना समझकर निस्तारित करने में जुट जाने वाले शिक्षक 48 वर्षीय सोनू शेखर आखिरकार कोविड वायरस की समस्या का निस्तारण नहीं कर सके।
मेरठ, जेएनएन। समय कुछ भी हो, समस्या किसी की भी हो, एक फोन काल पर उसे अपना समझकर निस्तारित करने में जुट जाने वाले शिक्षक 48 वर्षीय सोनू शेखर आखिरकार कोविड वायरस की समस्या का निस्तारण नहीं कर सके। न्यूटिमा अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी स्थिति बिगड़ती गई। शनिवार को मेडिकल के कोविड वार्ड में शिफ्ट किया गया जहा शनिवार देर रात करीब एक बजे उन्होंने वेंटीलेटर पर अंतिम सास ली। पाजिटिव से निगेटिव होने के बाद प्लाज्मा भी चढ़ाया गया। वायरस को तो शरीर में हरा चुके लेकिन उसके प्रभाव से खुद को बचा नहीं सके और आक्सीजन का स्तर कम होता गया और फेफड़ा क्षतिग्रस्त होता गया। रविवार सुबह सूरजकुंड में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
राजकीय हाई स्कूल कुढ़ला के प्रधानाचार्य सोनू शेखर की मृत्यु की सूचना से शिक्षा जगत में शोक है। वे मूल रूप से मुजफ्फरनगर के रहने वाले थे। उनकी बड़ी उपलब्धियों में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक रहते हुए मेरठ को 27 राजकीय हाईस्कूल दिलाना शामिल है। उनकी मां भी बीमार हैं और न्यूटिमा में उपचाराधीन हैं।
बड़ौत कफन कांड में निष्पक्ष जांच की मांग : मेरठ : अखिल भारतीय मानव मिलन के सदस्यों ने रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम आइजी प्रवीण कुमार को ज्ञापन दिया। संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनेंद्र कुमार जैन ने ज्ञापन में बड़ौत के व्यापारी प्रवीण जैन सहित सात लोगों को कफन कांड में अवैधानिक तरीके से जेल भेजे जाने पर पुलिस कार्रवाई की निंदा की। साथ ही निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए न्याय की उम्मीद जताई।