अमेरिका और जर्मनी से आएगा Covaxin का कच्चा माल, बुलंदशहर की कंपनी को इसी माह फामूर्ला मिलने की उम्‍मीद

बुलंदशहर की कंपनी बिबकोल में कोवैक्सीन तैयार करने के लिए फार्मूले का इंतजार है। भारत बायोटेक से इसी माह फार्मूला मिलने की संभावना है। कोवैक्सीन बनाने के लिए कुछ उपकरण जर्मनी से मंगाए जा रहे हैं। दूसरी ओर कोवैक्सीन बनाने के लिए कच्चा माल अमेरिका जर्मनी और इंडोनेशिया से आएगा।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 09:05 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 09:05 AM (IST)
अमेरिका और जर्मनी से आएगा Covaxin का कच्चा माल, बुलंदशहर की कंपनी को इसी माह फामूर्ला मिलने की उम्‍मीद
बुलंदशहर में कोवैक्‍सीन बनाने के लिए अमेरिका जर्मनी से कच्‍चा माल आएगा।

[लोकेश पंडित] बुलंदशहर। सिकंदराबाद की कंपनी भारत इम्यूनोलाजिकल्स एंड बायोलाजिकल्स कारपोरेशन लिमिटेड (बिबकोल) में कोवैक्सीन तैयार करने के लिए फार्मूले का इंतजार है। भारत बायोटेक से इसी माह फार्मूला मिलने की संभावना जताई जा रही है। कंपनी की ओर से कोवैक्सीन बनाने के लिए कुछ उपकरण जर्मनी से मंगाए जा रहे हैं, इसके आर्डर दे दिए गए हैं। दूसरी ओर कोवैक्सीन बनाने के लिए कच्चा माल (रा मैटेरियल) अमेरिका, जर्मनी और इंडोनेशिया से आएगा। विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्रलय से कंपनी लगातार समन्वय बनाए हुए है। उम्मीद जताई जा रही है कि विशेष प्रयासों से इसी माह बाहर से आने वाली मशीनें और कच्चा माल मिल जाएगा। इसके बाद जल्द ही कोवैक्सीन उपादन की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।

भारत इम्यूनोलाजिकल्स एंड बायोलाजिकल्स कारपोरेशन लिमिटेड पहले से ही पोलियोरोधी वैक्सीन का उत्पादन कर रही है। यह कंपनी करीब 70 एकड़ में फैली है। यहां पोलियोरोधी वैक्सीन तैयार करने वाली अधिकांश मशीनें जर्मनी की ही हैं। पोलियोरोधी वैक्सीन बनाने के बड़े अनुभव के कारण ही यहां अब कोरोना से लड़ने के लिए कोवैक्सीन बनाने की अनुबंध प्रक्रिया की जा रही है। कंपनी के एमडी आइएएस अधिकारी सीपी गोयल दिल्ली में संबंधित मंत्रलयों के लगातार संपर्क में हैं। सूत्रों का कहना है कि जर्मनी से कुछ मशीनों के आने में दिक्कत हो रही है।

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कोविड संक्रमण के कारण ऐसी कई मशीनें फिलहाल जर्मनी से क्लीयरेंस न होने के कारण भारत नहीं आ पा रहीं। इसके अलावा अमेरिका और इंडोनेशिया से भी कोवैक्सीन व पोलियोरोधी वैक्सीन में प्रयुक्त होने वाले केमिकल व साल्ट नहीं मिल पा रहे। कंपनी के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पूरी उम्मीद है कि इसी माह केंद्र सरकार मशीनों व कच्चा माल के लिए क्लीयरेंस ले लेगी। कोवैक्सीन बनाने के लिए कंपनी अब तकनीकी कर्मियों की संख्या भी बढ़ाने जा रही है।

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