बिजनौर गंगा बैराज पर डाल्फिन की गणना शुरू, मिले अच्छे संकेत जल्द कुनबा बढ़ने की उम्मीद
गंगा बैराज से शनिवार को डाल्फिन की गणना का कार्य शुरू हो गया। पहले दिन मिले अच्छे संकेत दिखीं इक्का-दुक्का डाल्फिन कुनबा बढ़ने की उम्मीद। इस मौके पर साढ़े तीन सौ से अधिक कछुए भी गंगा में छोड़े गए।
बिजनौर, जेएनएन। गंगा बैराज से शनिवार को डाल्फिन की गणना का कार्य शुरू हो गया। पहले दिन इक्का-दुक्का डाल्फिन दिखाई देने से अब उनका कुनबा बढ़ने की उम्मीद बढ़ी है। इस मौके पर साढ़े तीन सौ से अधिक कछुए भी गंगा में छोड़े गए।
वल्र्ड वाइल्ड लाइफ के निदेशक सुरेश बाबू, वन्य जीव संस्थान देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक कमर कुरैशी और डा. विष्णु प्रिया के नेतृत्व में गठित प्रगणकों की टीम ने गंगा बैराज से डाल्फिन की गणना का काम शुरू किया। पहले दिन बिजनौर गंगा बैराज से शुरू होकर सिरजेपुर तक डाल्फिन की गणना की गई। इसके लिए तीन मोटर वोट गंगा में उतारी गई। टीमें 12 दिसंबर तक नरौरा पहुंचेंगी। पहले दिन गणना के दौरान टीम में शामिल वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों को गंगा बैराज में डाल्फिन दिखाई दी। उम्मीद है कि इस बार डाल्फिन की संख्या और बढ़ेगी। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के कोआर्डिनेटर मोहम्मद शाहनवाज खान ने गंगा बैराज से डाल्फिन की गणना शुरू हो गई है। पहले दिन डाल्फिन नजर आई है। इस बार डाल्फिन की संख्या बढऩे की उम्मीद है। डाल्फिन की गणना में वन विभाग की टीम भी लगी रही है।
साल-दर-साल डाल्फिन का बढ़ता कुनबा
वल्र्ड वाइल्ड लाइफ, वैज्ञानिक वन्य जीव संस्थान देहरादून और वन विभाग की संयुक्त टीमें साल 2015 से बिजनौर बैराज से गढ़मुक्तेश्वर और वहां से नरौरा बैराज तक डाल्फिन की गणना करती आ रही है। गणना के दौरान साल-दर-साल डाल्फिन का कुनबा बढ़ा है।
वर्ष संख्या
वर्ष 2015- 22
वर्ष 2016-30
वर्ष 2017-32
वर्ष 2019-35
वर्ष-2020-41