कोरोना पॉजिटिव छह मरीजों की मौत पर घिरा मेरठ का यह लोकप्रिय अस्पताल, प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज Meerut News
लोकप्रिय अस्पताल की लापरवाही से कोरोना पॉजिटिव छह मरीजों की मौत का मामला लखनऊ तक गूंज गया। स्वास्थ्य विभाग की तहरीर पर पुलिस ने लोकप्रिय अस्पताल के प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। अभी तक जानकारी मिली है कि मरने वाले छह लोगों में से तीन महिलाएं हैं।
मेरठ, जेएनएन। लोकप्रिय अस्पताल की लापरवाही से कोरोना पॉजिटिव छह मरीजों की मौत का मामला लखनऊ तक गूंज गया। स्वास्थ्य विभाग की तहरीर पर पुलिस ने लोकप्रिय अस्पताल के प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। अभी तक जानकारी मिली है कि मरने वाले छह लोगों में से तीन महिलाएं हैं। कोरोना की रिपोर्ट आने के बाद उनके रेफर करने में छह से दस घंटे तक का समय लगा दिया गया है। यदि समय रहते मरीजों को मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया जाता तो उनकी जान बच सकती थी।
कोरोना पॉजिटिव मरीजों में मौत का आंकड़ा 194 तक पहुंच गया है। मंगलवार को चीफ सैक्ट्री की वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत का मामला उठा, जिसमें बताया गया कि लोकप्रिय अस्पताल की लापरवाही से छह मरीजों की मौत हुई है। इस मामले में नौचंदी थाने में अस्पताल के मालिक और प्रबंधक पर मुकदमा दर्ज करा दिया है। मुकदमा दर्ज करने के बाद विवेचना इंस्पेक्टर क्राइम को सौंप दी गई है। साथ ही अस्पताल प्रबंधन तंत्र को नोटिस भेजकर अपना पक्ष रखने के आदेश दिए। मुकदमे के वादी डिप्टी सीएमओ डा. जीके मिश्रा से सभी मृतकों की लिस्ट मांगी गई है। ताकि उनके परिवार के भी बयान दर्ज किए जा सकें।
बता दें कि कमिश्नर और डीएम के आदेश पर डिप्टी सीएमओ की तरफ से लोकप्रिय अस्पताल के खिलाफ दर्ज कराए मुकदमे में आरोप लगाया कि मरीजों की हालत गंभीर होने पर उन्हें रेफर किया गया। एक मरीज की मौत लोकप्रिय अस्पताल में मेडिकल कॉलेज तक पहुंचने में हो गई थी।
सीएमओ डाक्टर राजकुमार ने बताया कि डीएम और कमिश्नर के सामने होने वाली प्रत्येक मीटिंग में सभी अस्पतालों को सूचित किया जा चुका है। उसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन मरीजों को निचोडऩे के चक्कर में उनकी जान से खेल जाता है। पुलिस को सभी मरीजों की सूची दे दी गई है। उनकी डिटेल में जानकारी भी मुहैया करा दी जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग को मुकदमा दर्ज कराने का अधिकार नहीं
लोकप्रिय अस्पताल के प्रबंधन निदेशक अतुल भटनागर ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को मुकदमा दर्ज कराने का कोई अधिकार नहीं है। क्योंकि अस्पताल में किसी भी शासकीय आदेश की अवहेलना नहीं की। प्राथमिकी से पहले अस्पताल प्रबंधन जांच होनी चाहिए थी। क्योंकि डाक्टर के खिलाफ किसी विशेषज्ञ राय के बिना मुकदमा नहीं किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने मानहानि की है, आपके इस कृत्य से कोविड रोगियों के उपचार में व्यवधान पैदा होता तो जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग होगा। अतुल कृष्ण का आरोप है कि कुछ अधिकारी मिलीभगत एवं साजिश के तहत दर्ज कराई है। इसका उद्देश्य है कि लोकप्रिय अस्पताल को कोविड की अनुमति नहीं मिलना है।
अधिकारियों ने क्या कहा
सभी मरीज गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचे थे, ऐसे में उन्हें भर्ती कर उपचार नहीं देते तो मर सकते थे। उनकी कोरोना रिपोर्ट आने तक उपचार दिया गया। पॉजिटिव आने के बाद मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया। रेफर करने में छह घंटे का समय जरूर लगता है। एक मरीज तो पांच अस्पतालों से रेफर होकर आया था। उसका उपचार कर बचाने की कोशिश की गई थी। यदि स्वास्थ्य विभाग मरीजों की मौत का जिम्मा हमारे सिर पर डाल रहा है तो नोटिस देकर जवाब मांगा जा सकता था। - डा. रोहित रविंद्र, निदेशक लोकप्रिय अस्पताल
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दर्ज मुकदमे की विवेचना कराई जा रही है। गुणदोष के आधार पर पुलिस विवेचना कर रही है। पीडि़तों और आरोपितों को अपना अपना पक्ष रखने को नोटिस दिया जा रहा है। -अजय साहनी, एसएसपी
इन मरीजों की हुई मौत
शमीम पत्नी मोहम्मद उमर, मूर्ति देवी पत्नी ईश्चर पाल, निशांत कर्दम पुत्र लेखराम, अंगुरी पत्नी सुरेंद्र, विशाल पुत्र सुरेंद्र और जगदीश पुत्र जगन्नाथ की मौत लोकप्रिय अस्पताल की लापरवाही से हुई।