मवाना दुष्‍कर्म प्रकरण : छिपा दी गईं ऑडियो में दफन है मौत का राज Meerut News

मवाना में दुष्कर्म पीडि़ता से आरोपित के भाई की बातचीत की तीन ऑडियो के आधार पर पुलिस विवेचना को दूसरी लाइन पर ले आई। अब ऑडियो को ही मुख्‍य सुराग माना जा रहा है।

By Prem BhattEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 05:00 PM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 05:00 PM (IST)
मवाना दुष्‍कर्म प्रकरण : छिपा दी गईं ऑडियो में दफन है मौत का राज Meerut News
मवाना दुष्‍कर्म प्रकरण : छिपा दी गईं ऑडियो में दफन है मौत का राज Meerut News

मेरठ, जेएनएन। दुष्कर्म पीडि़ता से आरोपित के भाई की बातचीत की तीन ऑडियो के आधार पर पुलिस विवेचना को दूसरी लाइन पर ले आई। ऑडियो को आधार बनाकर छात्रा के पिता-ताऊ और पूर्व ब्लाक प्रमुख का चालान कर दिया गया, जबकि कॉल डिटेल में सामने आया कि पीडि़ता की दुष्कर्म के मुख्य आरोपित बृजपाल के भाई प्रमोद और विनोद से लगातार बातचीत हुई हैं। ऐसे में प्रमोद ने सिर्फ तीन ऑडियो पुलिस को दी है। बाकी बातचीत रिकॉर्ड होने से इन्कार कर दिया। ऐसे में पुलिस ने प्रमोद और छात्रा का मोबाइल नोएडा में डेटा रिकवर के लिए दिया है। माना जा रहा है कि छिपाई गई ऑडियो में मौत का राज दफन है।

आत्‍महत्‍या के उकसाने का केस

पांच दिन पूर्व मवाना थाना क्षेत्र के एक गांव में दुष्कर्म पीडि़ता ने आत्महत्या कर ली थी। आरोप था कि 25 जनवरी को मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने आरोपित को नहीं पकड़ा। आत्महत्या करने के बाद पुलिस सक्रिय हुई। आरोपित बृजपाल के भाई प्रमोद से तीन ऑडियो ली गई, जिसके बाद पूरे केस बदल दिया। परिवार पर ही आत्महत्या करने के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज हुआ। पिता और ताऊ तथा पूर्व ब्लाक प्रमुख धीरज पहाड़ पुरिया को जेल भेज दिया। पीडि़ता की मां, मिंटू और एक अन्य आरोपित बनाया गया।

जांच में आया, लगातार हो रही बातचीत

पुलिस के द्वारा जांच में सामने आया कि बृजपाल के भाई विनोद और प्रमोद से पीडि़ता की लगातार बातचीत हो रही थी। उसके बावजूद प्रमोद ने सिर्फ तीन ऑडियो पुलिस को मुहैया कराई है, जिसमें छात्रा अपने परिवार पर उत्पीडऩ का आरोप लगा रही है। साथ ही बृजपाल को बेगुनाह बताया। बाकी बातचीत की रिकॉर्डिंग में मोबाइल में नहीं होना बताया, जबकि पुलिस मान रही है कि बाकी रिकॉर्डिंग प्रमोद ने मोबाइल से डिलीट कर दीं। पुलिस ने प्रमोद को हिरासत में लेकर उसके मोबाइल का डाटा रिकवर करने के लिए नोएडा भेजा है, ताकि डिलीट की गई ऑडियो मिल सकें। माना तो यहां तक जा रहा है कि उक्त ऑडियो में ही छात्रा की मौत का राज दफन है।

सुसाइड नोट फर्जी, ऑडियो सही

एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि अभी तक उन्होंने सुसाइड नोट को नहीं पढ़ा है, पर उनका कहना है कि सुसाइड नोट फर्जी है, उस पर लाल पैन से हस्ताक्षर है, जबकि लिखा नीले पैन से गया है। इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी का कहना है कि 27 जनवरी को भी छात्रा ने सुसाइड की कोशिश की थी। उस समय परिवार के लोगों ने उसके हस्ताक्षर करा लिए थे। उसी कागज को सुसाइड नोट बना दिया, जिसे कूड़े में डाल दिया था, जिसका कुछ हिस्सा जल भी गया है। ऐसे में सुसाइड नोट की जांच को फोरेंसिक लैब भेजा है, जबकि ऑडियो को पुलिस ने बिना जांच के ही सही बता दिया है। तर्क है कि छात्रा और आरोपित के भाई की कॉल डिटेल से उसकी पुष्टि हो रही है। फिर भी फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेज दिया।

अदालत में भी बृजपाल पर लगाया था दुष्कर्म का आरोप

पांच फरवरी को पीडि़ता के अदालत में बयान हुए, जबकि चार फरवरी को थाने में बयानों की वीडियो बन चुकी है। दोनों ही बयानों में पीडि़ता ने बृजपाल पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। हालांकि मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। ऐसे में साफ है कि यदि छात्रा बृजपाल को बेगुनाह मानती तो अदालत में दिए बयानों में मुकर सकती है। छात्रा के बयान और आरोपित के भाई प्रमोद द्वारा मुहैया कराई ऑडियो दोनों अलग अलग दिशा में पुलिस को ले जा रहे है, पर पुलिस इस समय ऑडियो को ही प्रमुखता दे रही है।

इनका कहना है

पुलिस की विवेचना पूरी तरह से पारदर्शी है। घटना के सभी पहलुओं को प्रमुखता से देखा जा रहा है। सुसाइड नोट से लेकर ऑडियो तक की फोरेंसिक जांच कराई जा रही है। सभी आरोपितों पर कार्रवाई की जाएगी।

- प्रवीण कुमार, आइजी रेंज 

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