सदर बाजार में चार अनाधिकृत निर्माण सील

कैंट में अनाधिकृत निर्माण पर कार्रवाई तेज करने के निर्देश

By JagranEdited By: Publish:Wed, 18 Jul 2018 06:00 AM (IST) Updated:Wed, 18 Jul 2018 06:00 AM (IST)
सदर बाजार में चार अनाधिकृत निर्माण सील
सदर बाजार में चार अनाधिकृत निर्माण सील

मेरठ । कैंट बोर्ड ने सदर बाजार क्षेत्र में अनाधिकृत रूप से बनी चार प्रापर्टी को सील कर दिया। सीईओ के निर्देश पर पीपी एक्ट में सभी अनाधिकृत निर्माण पर यह कार्रवाई की गई है। सीईओ ने आगे भी अनाधिकृत निर्माण पर सख्ती से निपटने के लिए निर्देश जारी किया है।

कैंट बोर्ड का कहना है कि पूर्व में सीईओ ने सभी प्रापर्टी पर अनाधिकृत निर्माण न करने के लिए नोटिस जारी किया था, छावनी परिषद की ओर से बार- बार हिदायत देने के बावजूद भी अनाधिकृत निर्माण होता रहा। सीईओ ने कुछ दिन पहले सभी निर्माण का खुद निरीक्षण किया था। मंगलवार को स्टेट आफिसर के तौर पर अनाधिकृत निर्माणों को सील करने का आदेश जारी किया गया। चैपल स्ट्रीट सदर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के पास बंगला नंबर 177 के कुछ हिस्से में संजय अग्रवाल ने अनाधिकृत निर्माण को सील किया। बांबे बाजार में बंगला नंबर 177 एम के हिस्से में अंकुर बंसल के अनाधिकृत निर्माण पर सील की कार्रवाई हुई। आनंद कुमार जैन ने 259 कबाड़ी बाजार में अनाधिकृत तरीके से भवन निर्माण कराया था, जिसे सील किया गया। इसके साथ ही 272 कबाड़ी बाजार प्रथम तल पर इख्तिखार हसन के अनाधिकृत निर्माण पर सील की कार्रवाई की गई। सील लगाने की कार्रवाई के दौरान एई पीयूष गौतम और जेई अवधेश यादव रहे। सीईओ प्रसाद चव्हाण ने आगे भी अनाधिकृत निर्माण पर कार्रवाई करने के लिए कहा है।

राजनीतिक शख्सियतों की शह पर खड़े हुए निर्माण

कैंट बोर्ड ने मंगलवार को सील की कार्रवाई जरूर की, लेकिन कैंट बोर्ड को अवैध निर्माण की खबर पहले दिन से थी। आरोप यह भी है कि कैंट बोर्ड और कुछ राजनीतिक शख्सियतों की शह पर ही यह अवैध निर्माण खड़ा हो गया और उस समय उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसे कल बाक्स में लगाएं छावनी से डेयरियों को बाहर करने की तैयारी

जासं, मेरठ: छावनी क्षेत्र में करीब 125 डेयरियां संचालित हैं। जिनकी वजह से छावनी के वार्ड में गंदगी फैल रही है। कैंट बोर्ड सभी अवैध तरीके से चल रही डेयरियों को बाहर करने का मन बना चुका है। डेयरियों को छावनी से बाहर जाने के लिए कैंट बोर्ड से डेयरी संचालकों को नोटिस भेजा है। इससे डेयरी संचालकों की चिंता बढ़ गई है। 29 मई को छावनी परिषद की बैठक में स्टेशन हेल्थ ऑफिसर कर्नल बरार ने छावनी में चल रहीं डेयरियों के दूध की गुणवत्ता पर सवाल उठाया था। डेयरी से छावनी में फैली गंदगी को दूर करने के लिए बोर्ड में सहमति बनी थी। बैठक में डेयरी संचालकों को दो महीने का समय दिया गया था, जिसमें वह छावनी से बाहर वैकल्पिक व्यवस्था संभाल लें। कैंट बोर्ड की बैठक में जो अवधि दी गई थी, वह 29 जुलाई को पूरी हो रही है। ऐसे में छावनी परिषद ने रिमाइंडर नोटिस दिया है।

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