60 किराया मशीनों में मात्र 12 संचालित, 30 लखनऊ में जमा

जागरण संवाददाता मऊ किराया मशीनों के खराब हो जाने से रोडवेज विभाग पूरी तरह से फजीह

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 04:13 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 04:13 PM (IST)
60 किराया मशीनों में मात्र 12 संचालित, 30 लखनऊ में जमा
60 किराया मशीनों में मात्र 12 संचालित, 30 लखनऊ में जमा

जागरण संवाददाता, मऊ : किराया मशीनों के खराब हो जाने से रोडवेज विभाग पूरी तरह से फजीहत से गुजर रहा है। बसों के परिचालक जगह-जगह बसों को रोककर लोगों का टिकट काट रहे हैं। इसकी वजह से विलंब होने को लेकर यात्रियों से परिचालक का विवाद हो रहा है। लगभग दो साल पहले ही ट्राइमैक्स कंपनी का टेंडर खत्म होने के बाद से ही यह स्थिति उत्पन्न हुई है लेकिन निगम स्तर पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

मऊ डिपो में कुल 49 बसें संचालित हो रही हैं। लगभग सात साल पहले ट्राइमैक्स कंपनी को किराया मशीन का ठेका दिया गया था। निगम से मऊ डिपो को कुल 60 किराया मशीनें प्रदान की गई थीं। नवंबर 2019 में इस कंपनी का ठेका खत्म गया था। ऐसे में कंपनी मशीनों को ठीक करवाने में दिलचस्पी नहीं ले रही है। यही वजह है कि अधिकांश बसों की किराया मशीन खराब हो चुकी है। इस दौरान खराब खराब 30 मशीनों को लखनऊ मुख्यालय जमा कर दिया गया। शेष बची 30 मशीने चल रही थीं। इन्हीं मशीनों से किसी तरह कार्य चल रहा था। अब करीब 18 मशीन खराब हो चुकी है। मात्र 12 मशीने ही चल रही हैं। कुछ बसों में इसे दिया जा रहा है लेकिन अधिकतर बसों में साधारण टिकट की व्यवस्था जारी कर दी गई है। इसकी वजह से परिचालक साधारण टिकट काट रहे हैं। पहले लंबी दूरी का टिकट बना रहे हैं तो फिर उसके बाद निचले क्रम में टिकट बन रहा है। इसमें काफी समय लग रहा है। इसकी वजह से परिचालक बसों को जगह-जगह रोककर टिकट बना रहे हैं। इससे जहां यात्रियों की फजीहत बढ़ रही है वहीं गंतव्य तक पहुंचने में देरी भी हो रही है। पिछले दो साल से रोडवेज बसों में यही स्थिति है। कभी-कभी तो स्थिति यह रहती है कि मशीन बीच रास्ते में ही जवाब दे देती है। ऐसे में विकल्प के रूप में परिचालक साधारण टिकट लेकर चल रहे हैं। तब जाकर किसी तरह टिकट बन पा रहा है।

लखनऊ से सूचना मिली है कि किसी दूसरे कंपनी को टेंडर दिया जा रहा है। जल्द ही इन मशीनों को वापस कर दिया जाएगा। दूसरी कंपनी की मशीनों को संचालित किया जाएगा। फिलहाल अभी तक कोई अधिकृत सूचना नहीं मिली है। कई बार निगम को लिखा गया है। जल्द ही समस्या का समाधान कर लिया जाएगा।

-रमेश कुमार सिंह, एआरएम मऊ।

chat bot
आपका साथी