किसी ने डाल दिया वोट तो करें टेंडर मतदान

By Edited By: Publish:Thu, 24 Apr 2014 06:51 PM (IST) Updated:Thu, 24 Apr 2014 06:51 PM (IST)
किसी ने डाल दिया वोट तो करें टेंडर मतदान

घोसी (मऊ) : आपके अपने मानक पर कोई प्रत्याशी खरा नहीं है तो भी मतदान केंद्र पर जाएं। इवीएम की आखिरी बटन नोटा को दबा कर वापस आएं। आपका वोट किसी ने पहले ही डाल दिया है तो भी केंद्र पर जाकर टेंडर वोट दें।

निर्वाचन आयोग हरेक मतदाता को केंद्र तक लाने का हर इंतजाम किया है। ताकि मतदान प्रतिशत में वृद्धि हो। मतदाताओं की पसंद पर किसी भी प्रत्याशी के खरे न उतरने पर पूर्व में ऐसे मतदाता केंद्र पर नहीं जाते रहे हैं जिसके चलते मतदान फीसदी में गिरावट दर्ज की गई। आयोग ने इस लोकसभा चुनाव में इवीएम का अंतिम बटन नोटा यानी इनमें से कोई भी नहीं (नन आफ द एबव) दबाने का विकल्प रखा है। यदि किसी मतदाता के केंद्र पर पहुंचने के बाद उसका मत पहले ही डाल दिए जाने का तथ्य सामने आता है तो वह वापस नहीं आएगा। वह पीठासीन अधिकारी को अपना परिचय पत्र प्रस्तुत कर मत देगा। पीठासीन अधिकारी उक्त मत को लिफाफे में टेंडर वोट मानकर अलग से रखेगा। एक व्यक्ति का नाम यदि सूची में दो स्थानों पर अंकित है तो भी वह एक बार ही मतदान करेगा। कोई भी व्यक्ति अन्य मतदाता का वोट नहीं डालेगा चाहे भले ही उसकी सहमति ही क्यों न हो। ऐसा करना भादंसं की धारा 171 घ के तहत अपराध है। प्रत्याशियों की संख्या 16 से अधिक होने पर दो ईवीएम प्रयुक्त होंगे।

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यह भी जानें

सर्वप्रथम ईवीएम का प्रयोग मध्यप्रदेश की 16 विधानसभा क्षेत्रों, राजस्थान एवं दिल्ली के विधानसभा चुनावों में 1989-90 में हुआ। नवंबर 1998 में प्रथम बार लोकसभा चुनाव में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (इवीएम) का प्रयोग किया गया। एक इवीएम में अधिकतम 3840 मत ही स्टोर करने की क्षमता है। जिस केंद्र पर बिजली की व्यवस्था नहीं वहां पर इवीएम को बीइएल बंगलोर और इंडिया लिमिटेड हैदराबाद द्वारा निर्मित छह वोल्ट की एल्कलाइन बैटरी से चलाया जाता है। इस बैटरी को प्रयोग पूर्व पूर्णतया चार्ज किया जाना आवश्यक है। यदि किसी क्षेत्र में 64 से अधिक उम्मीदवार हैं तो इवीएम की बजाय मतपत्र से मतदान होगा।

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