अपने ही वार्ड ब्वाय को न बचा सका महकमा, आगरा में मौत

पुख्ता इंतजामों का दावा करने वाला स्वास्थ्य विभाग बुखार से जूझते अपने

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 04:36 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 05:02 AM (IST)
अपने ही वार्ड ब्वाय को न बचा सका महकमा, आगरा में मौत
अपने ही वार्ड ब्वाय को न बचा सका महकमा, आगरा में मौत

मैनपुरी, जागरण संवाददाता : पुख्ता इंतजामों का दावा करने वाला स्वास्थ्य विभाग बुखार से जूझते अपने ही वार्ड ब्वाय को न बचा सका। बुखार से इलाज के दौरान आगरा के प्राइवेट अस्पताल में मौत हो गई। बुखार की चपेट में आने से स्वास्थ्य कर्मी की यह जिले में मौत की पहली घटना है।

बिछवां थाना क्षेत्र के क

स्बा सुल्तानगंज निवासी धनीराम (49) जिला चिकित्सालय में वार्ड ब्वाय के पद पर तैनात थे। चार दिन पहले उन्हें बुखार आया था। इस पर उन्होंने अस्पताल के चिकित्सक से ही परामर्श लेकर दवा ले ली थी। थोड़ी देर तो असर रहा लेकिन बाद में तबियत खराब होने लगी।

प्राइवेट जांच में प्लेटलेट्स की संख्या में काफी गिरावट दर्शाई गई। आनन-फानन में स्वजन उन्हें आगरा के प्राइवेट अस्पताल में ले गए। वहां उनका उपचार चल रहा था, लेकिन सेहत में कोई सुधार नहीं हो रहा था। लगातार प्लेटलेट्स गिरने की वजह से ब्लीडिग शुरू हो गई और शनिवार की सुबह इलाज के दौरान आगरा में ही उनकी मृत्यु हो गई। छुट्टी के दिन भगवान भरोसे मरीज

रविवार की छ़ुट्टी के दिन जिला अस्पताल में मरीजों का उपचार भगवान भरोसे ही रहता है। हालांकि, इमरजेंसी में ईएमओ की ड्यूटी तो रहती है, लेकिन गंभीर मामला आते ही चिकित्सक द्वारा मरीज को सीधे सैफई अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जाता है।

रात नौ बजे के बाद नहीं मिलती दवा

जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहद खराब है। रात नौ बजे के बाद यदि किसी मरीज को दवा की जरूरत पड़ती है तो तीमारदारों को भटकना पड़ता है। असल में शहर के सभी मेडिकल स्टोर्स बंद हो जाते हैं। अस्पताल कैंपस में संचालित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र भी शाम सात बजे के बाद बंद हो जाता है। इसके अलावा रविवार को इसका संचालन बंद रहता है। रात में स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर संचालन के लिए व्यवस्था कराई जाएगी। मरीजों को बेहतर इलाज मिले, इसके लिए भी औचक निरीक्षण किया जाएगा। अस्पताल में वैसे तो बेहतर इलाज दिया जा रहा है।

डा. एके पांडेय, सीएमओ।

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