बोली महिलाएं, वित्तविहीन कॉलेजों के शिक्षकों को दिलाएं बेहतर मानदेय

मैनपुरी जासं। दैनिक जागरण की मुहिम मेरा-शहर मेरा सांसद के तहत शनिवार को करहल के संत विवेकानंद सेकेंड्री स्कूल में संपन्न हुआ कार्यक्रम शिक्षित युवा चाहते हैं हमारा सांसद सरकार में पैरवी करके प्राइवेट स्कूलों में शिक्षण कार्य करने वालों को मानदेय दिलवाए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Apr 2019 10:54 PM (IST) Updated:Sun, 21 Apr 2019 06:22 AM (IST)
बोली महिलाएं, वित्तविहीन कॉलेजों के शिक्षकों को दिलाएं बेहतर मानदेय
बोली महिलाएं, वित्तविहीन कॉलेजों के शिक्षकों को दिलाएं बेहतर मानदेय

जासं, मैनपुरी: जिले में रोजगार के साधनों का अभाव है। रोजगार हासिल करने के युवा घर छोड़ने को विवश हैं। रेल और स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। औद्योगिक विकास भी शून्य है। ऐसे में बेरोजगार युवा नशा और अपराध की ओर जाते हैं। सांसद को वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों को शासन के तय मानक के अनुसार वेतन दिलाने का काम करना होगा।

यह बातें दैनिक जागरण के मेरा शहर-मेरा सांसद कार्यक्रम में शिक्षित महिलाओं ने कहीं। शनिवार को करहल के संत विवेकानंद सेकेंड्री स्कूल में हुए कार्यक्रम में स्कूल की प्रबंध सरिता यादव ने कहा कि आज जिला हर क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है। जिले में विकास के लिए सभी को 23 अप्रैल को अपने-अपने मतदान केंद्रों पर जाकर वोट डालने होंगे। मतदान के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रेरित करना होगा।

सरिता ने कहा कि रेल सुविधाओं का अभाव जिला के विकास में बाधक है। रेल सुविधाओं में इजाफा होने से रोजगार के अवसर पैदा होंगे और युवाओं को लाभ मिलेगा। अब मतदान के प्रति महिलाए जागरूक हो गई हैं। इस बार महिलाओं का वोट डालने का फीसद हर बार से अधिक रहेगा।

स्कूल प्रबंध निदेशक जय प्रताप सिंह ने लोक तंत्र में वोट का महत्व बताते हुए कहा कि उदासीनता के कारण जिला विकास से वंचित है। किसान-मजदूर और हर वर्ग परेशान है। तरन्नुम जहां ने कहा कि सांसद जात-पात से दूर रहकर क्षेत्र के विकास के लिए सोचेगा, तभी वह लोक प्रिय कहलाता है। समस्याओं के निदान के लिए मतदान जरूरी है। निशा ने कहा कि सांसद को निष्पक्ष होना चाहिए, यह नहीं सोचना चाहिए कि हम को जिन लोगों ने वोट दिया है, उन्हीं का काम करूंगा। आज उच्च शिक्षा में जिला पीछे है। सांसद को इसके लिए प्रयास करने होंगे। तान्या ने कहा कि स्वच्छता के साथ नागरिकों को जागरूक करने के लिए भी प्रयास होने चाहिए। रोजगार देने वाली शिक्षा को बढ़ावा मिलना चाहिए। सांसद बनने के बाद सभी क्षेत्र वासियों को एक निगाह से देखना चाहिए। अंजली और बवीता का कहना था कि हमारा सांसद ऐसा हो, जो गैर एडेड मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों को सरकार से 20 हजार रुपए महीना मानदेय दिलाए या सरकारी स्कूलों में अनुभव के आधार नौकरी दिलाए। गुंजन, अर्चना यादव, अर्चना कश्यप का कहना था कि पर्यटन को बढ़ावा देने का काम भी सांसद को करना होगा। कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाली महिलाओं ने शत-प्रतिशत मतदान करने और अपने पड़ोस, मुहल्ले के लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए संकल्प लेकर शपथ पत्र भी भरे। ----------------

- हमारा सांसद निष्पक्ष हो, उनमें विकास कराने की ललक हो। कस्बे में गंदगी का साम्राज्य है, सफाई व्यवस्था लचर है। बिजली व्यवस्था भी फेल है।

गौसिया बानो।

सांसद ऐसा हो, जो शिक्षित बेरोजगारों को नौकरी दिलाए। पढ़ लिख कर सड़कों पर घूम रहे युवा परेशान न हों। उच्च शिक्षा की बेहतरी को प्रयास करने के अलावा इस पर ध्यान दें।

मनीषा कुमारी। इंटर अथवा हाई स्कूल की मान्यता लेकर चल रहे स्कूलों में शिक्षण कार्य करने वाले बीएड., बीटीसी, को सरकार की तरफ से सांसद कम से कम 20 हजार रुपए मासिक मानदेय दिलवाए।

तब्बसुम जहां। जब सांसद अपनी निधि से प्राइवेट स्कूलों को बढ़वा देने के लिए करोड़ों रुपए सांसद निधि से दे सकता है तो वह सरकार में हम लोगों की पैरवी कर मानदेय भी दिला सकता है।

सोनी दुबे।

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