अब किसानों से सीधे जमीन खरीदेगी यूपीएसआइडीसी

अब किसानों से सीधे जमीन खरीदेगी यूपीएसआइडीसी लखनऊ। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक भूमि की उपलब्धता सुि

By Edited By: Publish:Tue, 08 Jul 2014 10:51 AM (IST) Updated:Tue, 08 Jul 2014 10:51 AM (IST)
अब किसानों से सीधे जमीन खरीदेगी यूपीएसआइडीसी

अब किसानों से सीधे जमीन खरीदेगी यूपीएसआइडीसी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर अब सरकार किसानों से सीधे बातचीत कर जमीन खरीदने पर विचार करेगी। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने आज उप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी) को 30 वर्ष पहले आवंटित औद्योगिक भूखंडों के उद्यमियों को फ्री होल्ड की सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया है। यह भी कहा है कि गाजियाबाद में निगम की महत्वपूर्ण परियोजना ट्रोनिका सिटी का नाम बदल कर ट्रांस दिल्ली सिग्नेचर सिटी किया जाएगा।

मुख्य सचिव कल यूपीएसआइडीसी के निदेशक मंडल की 285वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में निगम के वित्तीय वर्ष 2014-15 की कार्ययोजना को मंजूरी दी गई। कार्ययोजना में वित्तीय वर्ष के दौरान 650 करोड़ रुपये की प्राप्तिया और 781 एकड़ भूमि को विकसित करने का लक्ष्य है। प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा दिए जाने के लिए उन्होंने उद्यमियों को दी जाने वाली सुविधाओं की प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर जोर दिया। मुख्य सचिव ने आगरा के थीम पार्क परियोजना के विकास के लिए स्ट्रेटेजिक पार्टनर के चयन की कार्यवाही में तेजी लाने का निर्देश दिया। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने यूपीएसआइडीसी और गेल के बीच विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में गैस के वितरण के लिए गैस वितरण यूनिट की स्थापना, जगदीशपुर में हिन्दुस्तान पेपर मिल के विस्तार, लखनऊ, वाराणसी व कानपुर में अमूल दुग्ध परियोजना, बुलंदशहर में टीएचडीसी द्वारा 10000 करोड़ रुपये के निवेश, श्री सीमेंट परियोजना सिकंदराबाद, थीम पार्क आगरा में एसपीवी के माध्यम से 5000 करोड़ के निवेश, भारत इलेक्ट्रानिक लिमिटेड गाजियाबाद में परियोजना विस्तार के प्रस्ताव सहित निवेश की अन्य परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा भी की। उन्होंने 41,000 करोड़ रुपये के निवेश की परियोजनाओं पर निगम की अब तक की गई कार्यवाही पर संतोष जताया।

इस बैठक में प्रबंध निदेशक यूपीएसआइडीसी मनोज सिंह, विशेष सचिव वित्त राजीव श्रीवास्तव व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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