राज्यपाल की खरी-खरी, कहा कर चोरी के रास्ते बंद किये जाएं

वाणिज्य कर अधिकारियों से उन्होंने इन रास्तों को बंद कर यह सुुनिश्चित करने के लिए कहा कि वसूला गया कर सरकारी खजाने में जमा भी हो जाए ताकि उसका इस्तेमाल जनता की सुविधा के लिए किया जा सके।

By Ashish MishraEdited By: Publish:Tue, 18 Apr 2017 07:47 PM (IST) Updated:Tue, 18 Apr 2017 07:47 PM (IST)
राज्यपाल की खरी-खरी, कहा कर चोरी के रास्ते बंद किये जाएं
राज्यपाल की खरी-खरी, कहा कर चोरी के रास्ते बंद किये जाएं

लखनऊ (जेएऩएन)। राज्यपाल राम नाईक ने वाणिज्य कर की चोरी की ओर इशारा करते हुए मंगलवार को कहा कि जो कर ग्राहकों से वसूला जाता है, सरकारी खजाने में पहुंचने से पहले उसमें सेंध लगाने के कई और रास्ते बन गए हैं। वाणिज्य कर अधिकारियों से उन्होंने इन रास्तों को बंद कर यह सुुनिश्चित करने के लिए कहा कि वसूला गया कर सरकारी खजाने में जमा भी हो जाए ताकि उसका इस्तेमाल जनता की सुविधा के लिए किया जा सके। अफसोस भी जताया कि राजस्व संग्रह पर सरकारों को जितना ध्यान देना चाहिए, वे नहीं देती हैं।
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उप्र वाणिज्य कर सेवा संघ के 51वें वार्षिक अधिवेशन का उद्घाटन करने के बाद राज्यपाल ने कहा कि सरकार की सोच बिना टैक्स बढ़ाये अधिक राजस्व प्राप्त करने की होती है। इससे विभाग की चुनौती और बढ़ जाती है। विभिन्न स्रोतों से राजस्व जुटाने पर जोर देने के साथ उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह गाय का दूध इतना नहीं निकालना चाहिए कि उसमें खून आ जाए, उसी तरह कर दोहन की प्रक्रिया भी कष्टदायी नहीं होनी चाहिए। वाणिज्य कर वसूली में साल दर साल होने वाली वृद्धि के लिए विभाग के अधिकारियों की हौसलाफजाई करने के साथ राज्यपाल यह कहने से नहीं चूके कि आप लोग आंकड़ों में हेरफेर करने में माहिर होते हैं।


उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रकार के करों की वजह से टैक्स का जंगल बन गया है जिससे व्यापारी और कर देने वाले ग्राहक भी परेशान हैं। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को देश के कर ढांचे का स्वर्णिम अध्याय बताते हुए उन्होंने उम्मीद जतायी कि पहली जुलाई से जब यह लागू होगा तो इससे व्यापारियों, करदाताओं और विभागीय अधिकारियों की मुश्किलें आसान होंगी। सबसे अधिक आबादी वाला प्रदेश होने के नाते उप्र को जीएसटी से सबसे ज्यादा राजस्व भी प्राप्त होगा।
उद्घाटन सत्र को उप्र वाणिज्य कर सेवा संघ के अध्यक्ष इंद्र प्रकाश तिवारी और महासचिव राज्यवर्धन सिंह ने भी संबोधित किया।

जीएसटी पर विधेयक लाएगी सरकार
अपर मुख्य सचिव वाणिज्य कर आरके तिवारी ने कहा कि संसद से जीएसटी का विधेयक पारित होने के बाद अब राज्य सरकार विधानमंडल के अगले सत्र में जीएसटी पर विधेयक लाएगी। राज्य सरकार पहली जुलाई से जीएसटी लागू करने के लिए कृतसंकल्प है।

रिक्त पदों को भरने के लिए शिथिल करेंगे नियम
अपर मुख्य सचिव वाणिज्य कर ने कहा कि कर वसूली का बड़ा लक्ष्य हासिल करने के लिए विभाग में रिक्त पदों को भरने की जरूरत है। विभाग में बहुत सारे पद खाली हैं। इन पदों को भरने के लिए यदि नियमों को शिथिल भी करना पड़े तो शासन ऐसा करेगा। वाणिज्य कर विभाग की कार्यप्रणाली में नई तकनीक को अपनाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि व्यापारियों को अपने काम के लिए विभाग के दफ्तर के चक्कर न काटना पड़े। वाहनों में भी ऐसी व्यवस्था की जा रही है जिससे कि कर चोरी की गुंजायश शून्य हो जाए।

जीएसटी में योगदान के लिए अफसर सम्मानित
राज्यपाल ने जीएसटी में विशिष्ट योगदान के लिए चार अफसरों को प्रशसित पत्र देकर सम्मानित भी किया। इनमें वाणिज्य कर विभाग के सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव बीरेश कुमार, वाणिज्य कर आयुक्त मुकेश कुमार मेश्राम, विशेष कार्याधिकारी व सेवानिवृत्त अपर आयुक्त एससी द्विवेदी और अपर आयुक्त (जीएसटी) विवेक कुमार शामिल हैं।
 

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