लखीमपुर में दुधवा की सैर और ज्‍यादा होगी रोमांचकारी, विस्टाडोम कोच कराएगा खास एहसास

डीआरएम ने बताया कि डालीगंज से मल्हौर तक डबल लाइन बिछाने के प्रोजेक्ट के लिए पिंक बुक में 60 करोड़ रुपये मिले हैं। ऐशबाग-पीलीभीत रेलखंड के अमान परिवर्तन के साथ रेल विद्युतीकरण भी हो रहा है। लखीमपुर-मैलानी रेलखंड के विद्युतीकरण में वन विभाग की एनओसी का इंतजार है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 05 Feb 2021 08:10 PM (IST) Updated:Sat, 06 Feb 2021 07:57 AM (IST)
लखीमपुर में दुधवा की सैर और ज्‍यादा होगी रोमांचकारी, विस्टाडोम कोच कराएगा खास एहसास
पूर्वोत्तर रेलवे की डीआरएम डॉ. मोनिका अग्निहोत्री ने अगले वित्तीय वर्ष के महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों की जानकारी दी।

लखनऊ, जेएनएन। पारदर्शी शीशों की छत और बड़ी कांच की खिड़की वाले विस्टाडोम कोच में पर्यटक दुधवा के जंगल के बीच सैर करते हुए उसके प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठाएंगे। पूर्वोत्तर रेलवे मैलानी-नानपारा मीटरगेज (छोटी लाइन) के सेक्शन पर पहली बार पर्यटन विभाग के साथ मिलकर विस्टाडोम कोच की शुरुआत करेगा। मार्च तक दो विस्टाडोम कोच मुंबई की परेल वर्कशॉप से तैयार होकर मैलानी आ जाएंगे। इस विस्टाडोम कोच में 40 पर्यटक चेयरकार बोगी में बैठकर सफर करेंगे। पूर्वोत्तर रेलवे की डीआरएम डॉ. मोनिका अग्निहोत्री ने अगले वित्तीय वर्ष के महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों की जानकारी दी।

डीआरएम ने बताया कि डालीगंज से मल्हौर तक डबल लाइन बिछाने के प्रोजेक्ट के लिए पिंक बुक में 60 करोड़ रुपये मिले हैं। ऐशबाग-पीलीभीत रेलखंड के अमान परिवर्तन के साथ रेल विद्युतीकरण भी हो रहा है। लखीमपुर-मैलानी रेलखंड के विद्युतीकरण में वन विभाग की एनओसी का इंतजार है। इस साल जून तक यह विद्युतीकरण हो जाएगा। ट्रेनों की मरम्मत के लिए नया कोचिंग काम्पलेक्स बनेगा। डीआरएम ने बताया कि 40 करोड़ रुपये से गोमतीनगर स्टेशन की यार्ड रिमॉडलिंग और यात्री सुविधाओं का विकास होगा। जबकि ऐशबाग पीलीभीत अमान परिवर्तन के लिए 100 करोड़ आवंटित किए गए हैं। 

लखनऊ रेल मंडल ने 2020-21 में 39 डीजल रेल इंजन सहित 16 हजार टन स्क्रैप की बिक्री कर 58.92 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति की है। जो देश भर में किसी रेल मंडल में सबसे अधिक है। इस साल लखनऊ रेल मंडल ने अपने खर्चों में 350 करोड़ रुपये की कमी दर्ज की है।

बढ़ रहा समय पालन

कोहरे में भी ट्रेनों का समय बद्धता 97 प्रतिशत हो गई है। हालांकि ट्रेनों से जानवरों के कटने से उनके संचालन में बाधाएं भी हो रही हैं। जानवर कटने के कारण हौज पाइप टूटने व एंगल कॉक क्षतिग्रस्त होने से ट्रेेनें खड़ी हो जाती हैं। पिछले माह जनवरी में मंडल में जानवरों के ट्रेन से टकराने के 67 मामले आए हैं। मालगाडिय़ों की औसत गति  पहले 24.82 किलोमीटर प्रति घंटा थी। वह 45.05 किलोमीटर प्रति घंटा पहुंच गई है। 

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