लॉकडाउन में लाैटी चेहरे पर मुस्कान, मानसिक मंदित महिला को बिछड़े परिवार से मिलाया

लखनऊ के राजकीय महिला शरणालय ने लॉकडाउन में की पहल मानसिक रूप से मंदित महिला का इलाज कराकर घर भेजा गया।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 18 Aug 2020 03:58 PM (IST) Updated:Tue, 18 Aug 2020 03:58 PM (IST)
लॉकडाउन में लाैटी चेहरे पर मुस्कान, मानसिक मंदित महिला को बिछड़े परिवार से मिलाया
लॉकडाउन में लाैटी चेहरे पर मुस्कान, मानसिक मंदित महिला को बिछड़े परिवार से मिलाया

लखनऊ, जेएनएन। कोई भी काम छोड़ा या छोटा नहीं होता, बस काम करने की लगन हाेनी चाहिए। खुद के साथ समाज की भलाई सोचने वाले का कभी बुरा नहीं हो सकता। कोरोना संक्रमण के इस दाैर में हम सबको मिलकर लोगों की मदद करनी चाहिए। मानसिक मंदित बीना की यह बातें सुन राजकीय महिला शरणालय प्रशासन स्तब्ध रह गया। अपनी और परिवार की सुध खो चुकी मध्यम प्रदेश की बीना की चली दो महीने की काउंसिलिंग का सुखद परिणाम सभी को सुकून दे रहा था। लॉकडाउन के दौरान पुलिस द्वारा दो महीने पहले मानसिक विक्ष्रिप्त की दशा में बीना का कोरोना टेस्ट करा कर लाया गया था। लाने के बाद से ही उसकी काउंसिलंग चल रही थी। सबकुछ याद आया तो उसे अब अपनों की याद भी आने लगी है। अकेली बीना ही नहीं झारखंड की केसरी और असम की रानी की भी मनोदशा बदल गई है। लॉकडाउन में सभी के चेहरे पर लौटी मुस्कान ने अपनाें को करीब ला दिया। दूसरों के सहारे रहने वाली ये महिलाएं अब अपना काम कर रही हैं।

भेजा गया घर

मानसिक मंदित इन सभी महिलाओं  ने अपना नाम ताे बताया ही है साथ ही घर का पता भी बता दिया है। जिला प्रोबेशन अधिकारी की ओर से मिली अनुमित के बाद उन्हें उनके घर भेज दिया गयाञ कई साल से अपनों से दूर रहने के बाद उनके मिलने के लिए महिलाएं भी उत्साहित हैं। किसी को पिता की याद आ रही है तो कोई माता-पिता और भाई को याद कर रहा है।

राजकीय शरणालय की अधीक्षिका आरती सिंह ने बताया कि मानसिक मंदित की काउंसिलिंग कर उनकी यादाश्त वापस आने पर खुशी हो रही है। अब सभी को उनके अपनों के पास भेजने की प्रक्रिया चल रही है। पूरे स्टॉप ने मिलकर इन महिलाओं की मदद की और अब सभी ठीक हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की होने की वजह से सरकारी खर्च और सुरक्षा के साथ कुछ को घर भेज दिया गया तो कुछ को भेजने की तैयारी है।

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