Ayodhya Ram Mandir News: त्रेता का अहसास...सावन-भादो में मधुमास

Ram Mandir Bhumi Pujan अयोध्या में सजे-धजे भवनों का अक्स सरयू के जल में देखकर लगता है कि अवधपुरी सारी शोभाओं की खान हो गई है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 07:47 AM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 07:47 AM (IST)
Ayodhya Ram Mandir News:  त्रेता का अहसास...सावन-भादो में मधुमास
Ayodhya Ram Mandir News: त्रेता का अहसास...सावन-भादो में मधुमास

अयोध्या, जेएनएन। पुण्य सलिला सरयू का जल पल-पल बढ़ रहा है। इसका आचमन करके आती वायु शरीर को छूती है तो शीतलता, ताजगी और उल्लास जगा देती है। नया घाट की इस निर्मलता ने राम की पैड़ी का अद्भुत शृंगार कर दिया है। निर्मल जल में सजे-धजे भवनों का मनोहर अक्स देखकर लगता है, जैसे अवधपुरी सारी शोभाओं की खान हो गई है। हर ओर वनवास के बाद श्रीराम की वापसी सा हर्ष है। सदियों बाद नगर पर छाया यह त्रेता का वह अहसास है जो रामनगरी के सावन-भादो को मधुमास बनाने आया है। झूलनोत्सव की खुशियों में भीगा अयोध्या का सावन तो सुहाना होता ही है, मगर इस बार यह और खास हो गया है। सदियों बाद भव्य राममंदिर के भूमिपूजन की घोषणा जबसे इसके पावन दामन में हुई है, यह और भी मनभावन हो गया है। भादो में आने वाली उस ऐतिहासिक घड़ी की प्रतीक्षा में संवरते बीते सावन के दिन अब गुजरने वाले हैं। सरयू तट पर सावन की मस्त बयार के बीच आकाश में घटाओं की अठखेलियां भादो की आहट का अहसास करा रही हैं। ये जता रही हैं कि वह घड़ी अब दूर नहीं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों भूमिपूजन के साथ पांच सदी बाद भव्य राममंदिर की साध पूरी होने जा रही है।

जिस ओर भी दृष्टि पड़ रही है, रामनगरी का अनुपम सौंदर्य दिख रहा है। आंखें बंद करने पर भी यहां के कण-कण में व्याप्त हर्ष और उल्लास का स्पष्ट आभास हो रहा है। सरयू तट से लेकर नगर के अंतिम छोर तक हर ओर राम नाम की गूंज सुनाई दे रही है। किसी ओर बढ़ें तो कदम-कदम पर रामायण के प्रसंगों को बयां करते चित्र दिख जाते हैं। पीले और केसरिया रंग में नहाया नगर बेकरार है। प्रधानमंत्री के आगमन का इसे बेसब्री से इंतजार है। इस इंतजार में शहर ही नहीं, न्यास कार्यशाला में रखी रामशिलाएं भी जगमगा उठी हैं। न्यू साकेत फ्लॉवर डेकोरेटर के प्रेमनाथ मांझी फूलों की झालर लगाते मिलते हैं। वह रामलाल की सेवा का अवसर पाकर खुद को धन्य समझते हैं। पूछते ही बोल पड़ते हैं, राममंदिर निर्माण का शुभारंभ होते देखना सौभाग्य की बात है। आयोजन की शोभा बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोडऩी है। 
 
कार्यक्रम स्थल सहित नगरी के शृंगार के लिए गेंदा, गुलाब, आर्किड, जरबेरा के साथ नारायण के प्रिय पुष्प विष्णुकांता के फूल भी मंगाए हैं। अवधपुरी में चहुंओर छाए उल्लास और हर ओर गमक रही फूलों की खुशबू माहौल में दिव्यता भर रही है। फूलों से सजकर न्यास कार्यशाला के पत्थर भी मुस्कुरा रहे हैं। ऐसा लगता है कि रामनगरी में इस बार सावन-भादो के साथ मधुमास उतर आया है।
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