उपचुनावः उत्तर प्रदेश की कैराना और नूरपुर सीटों के लिए 28 मई को मतदान

कैराना संसदीय सीट के लिए मतदान 28 मई को होगा। साथ ही नूरपुर विधानसभा सीट के लिए मतदान होगा। दोनों सीटों के लिए मतगणना 31 मई को होगी।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Thu, 26 Apr 2018 06:04 PM (IST) Updated:Thu, 26 Apr 2018 08:30 PM (IST)
उपचुनावः उत्तर प्रदेश की कैराना और नूरपुर सीटों के लिए 28 मई को मतदान
उपचुनावः उत्तर प्रदेश की कैराना और नूरपुर सीटों के लिए 28 मई को मतदान

लखनऊ (जेएनएन)।  निर्वाचन आयोग ने कैराना लोकसभा क्षेत्र और बिजनौर जिले की नूरपुर विधान सभा क्षेत्र के उप चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे से रिक्त हुई गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर भाजपा को पराजय का स्वाद चखना पड़ा लेकिन, अब यह नई चुनौती सामने आ गई है। ये दोनों सीटें भाजपा के कब्जे में रही हैं और इसे फिर पाने के लिए भाजपा को कड़ी परीक्षा देनी होगी। 

निर्वाचन आयोग ने कैराना लोकसभा क्षेत्र और नूरपुर विधानसभा क्षेत्र का चुनाव 28 मई को घोषित किया है। 31 मई को यहां मतगणना होगी। तीन मई से चुनाव की अधिसूचना जारी होगी और नामांकन शुरू हो जाएगा। दस मई को नामांकन की अंतिम तारीख है। 11 मई को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 14 मई को नाम वापसी है। दो जून से पहले चुनाव संपन्न करा लेने के निर्देश हैं। 

हुकुम सिंह और लोकेंद्र के निधन से सीटें रिक्त 

कैराना लोकसभा सीट हुकुम सिंह और नूरपुर विधानसभा सीट लोकेंद्र सिंह के निधन से रिक्त हुई है। तीन फरवरी को लंबी बीमारी के बाद सांसद हुकुम सिंह का निधन हो गया था। उत्तर प्रदेश की विधानसभा में कई बार प्रतिनिधित्व कर चुके हुकुम सिंह 2014 में कैराना से भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गये थे। बिजनौर जिले के नूरपुर के भाजपा विधायक लोकेंद्र सिंह चौहान का 21 फरवरी को सीतापुर में सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। लोकेंद्र यहां राजधानी में इन्वेस्टर्स समिट में भाग लेने के लिए आ रहे थे। 

भाजपा को हार की किरकिरी कम करने का मौका

भाजपा के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा से जुड़ा है। कैराना और नूरपुर चुनाव परिणाम मिशन 2019 का माहौल बनाने में कारगर होगा। गोरखपुर और फूलपुर की हार से भाजपा की खूब किरकिरी हुई। चूंकि गोरखपुर और फूलपुर में सपा उम्मीदवार को बसपा ने समर्थन दे दिया इसलिए भाजपा को जबर्दस्त झटका लगा। चुनाव कार्यक्रम घोषित होने से पहले ही भाजपा ने कैराना और नूरपुर में अपनी पूरी ताकत लगा दी है। संकेत मिल रहे हैं कि संगठन और सरकार की ताकत तथा सहानुभूति की लहर से भाजपा अपनी नैया पार लगाएगी। भाजपा कैराना में हुकुम सिंह की पुत्री और नूरपुर में लोकेंद्र की पत्नी को चुनाव मैदान में उतार सकती है। 

भाजपा के लिए फिर परीक्षा की घड़ी

इससे पहले गोरखपुर और फूलपुर सीट पर उपचुनाव में भाजपा को हराने के बाद सपा-बसपा के पास दो और सीट जीतने का मौका है। आने वाले पांच महीनों में कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा सीट पर चुनाव होने वाले हैं। अब सपा-बसपा की साझेदारी भाजपा को 2019 में जबरदस्त टक्कर देने जा रही है। यह दोनों सीटें फिर भाजपा के लिए लिटमस टेस्ट जैसी होंगी। कैराना में जीतने वाले को कुछ समय तक ही सांसद बने रहने का मौका मिलेगाष इससे इतर नूरपुर जीतने वाले उम्मीदवार को तीन साल तक विधायक बने रहने का अवसर होगा।  सियासी चर्चाओं के मुताबिक बसपा कैराना में सपा के उम्मीदवार को समर्थन दे सकती है। दरअसल कैराना जाट बहुल क्षेत्र है। इस 2009 से पहले अजीत सिंह की दल का कब्जा था। 

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