दौड़कर फिर डगमगाने लगे प्रधानमंत्री के आदर्श गांव

जयापुर और नागेपुर की भी तस्वीर नहीं संवर पाई? जवाब है- संवर तो गई, लेकिन फिर बिगड़ रही है। आखिर क्यों? आइए, जयापुर और नागेपुर का हाल

By Ashish MishraEdited By: Publish:Fri, 26 Aug 2016 11:22 AM (IST) Updated:Fri, 26 Aug 2016 01:01 PM (IST)
दौड़कर फिर डगमगाने लगे प्रधानमंत्री के आदर्श गांव

वाराणसी (जेएनएन)। सवा दो साल पहले प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नरेंद्र मोदी ने कई विकास योजनाओं का एलान किया था। सांसद आदर्श ग्राम योजना इन्हीं में से एक है। गांवों को संवारने की इस योजना के तहत प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों से हर साल अपने-अपने क्षेत्र के एक गांव को गोद लेने की अपील की थी। ज्यादातर सांसदों ने प्रधानमंत्री की अपील सुनी और एक-एक गांव गोद भी लिया। स्वयं मोदी ने भी अपने संसदीय क्षेत्र के जयापुर और नागेपुर को संवारने का संकल्प लिया है।

पीएम ने इस गांव को लिया था गोद, जानें क्या हो गए यहां के हालात

सवाल है कि क्या इन दो गांवों के अलावा तमाम आदर्श ग्रामों की किस्मत संवर गई? दैनिक जागरण के करीब महीने भर के समाचारीय अभियान में हमने देखा कि अपवाद को छोड़कर चुने गए ज्यादातर आदर्श गांवों में हालात कमोबेश जस के तस है। तो क्या जयापुर और नागेपुर की भी तस्वीर नहीं संवर पाई? जवाब है- संवर तो गई, लेकिन फिर बिगड़ रही है। आखिर क्यों? आइए, जयापुर और नागेपुर का हाल देखने के बाद इस समाचारीय अभियान को फिलहाल विराम भी देते हैं।

वाराणसी में जयापुर के बाद पीएम मोदी ने लिया नागेपुर गांव को गोद

दोनों गांवों में हुए कई कामप्रधानमंत्री मोदी ने नवंबर 2014 में जयापुर और अभी बीते मार्च में नागेपुर गांव को गोद लिया है। इसमें दो राय नहीं कि इन दोनों गांवों में कई अच्छे और ठोस कामकाज हुए हैं। कभी ढिबरी, कच्चे रास्तों व बदहाली के लिए कुख्यात इन दोनों गांवों में अब जुए की फड़ नहीं दिखती। कोई नशे में झूमता भी नहीं दिखाई देता। महिला स्वावलंबन केंद्र में लगे आधुनिक चरखों पर सूत काततीं महिलाएं और दोनों गांवों में चमचमाते सोलर प्लांट आपको किसी उन्नत इलाके की झलक पेश करते हैं। सूत कताई, लूम व आधुनिक सिलाई मशीनों के जरिए दर्जन महिलाओं को रोजगार मिला है। जयापुर में 25 किलोवाट के दो और नागेपुर में 15 किलोवाट का एक सोलर प्लांट काम कर रहा है। दोनों गांवों में शानदार यात्री पड़ाव बने हैं। इनमें अच्छी क्वालिटी की बेंचें हैं। दोनों जगह अंबेडकर की विशाल प्रतिमाएं लगाई गई हैं।

मोदी के आदर्श गांव नागेपुर पहुंची टीम, विकास कार्यों का बनेगा डीपीआर

यहां के नवनिर्मित नंदघर (आंगनबाड़ी का सुधरा रूप) की चमक-दमक तो देखते ही बनती है।बात यहीं नहीं थमती है। करीब साढ़े आठ सौ परिवार वाले जयापुर गांव में दो बैंकों के एटीएम खुले हैं। पेयजल व्यवस्था को ओवरहेड टैंक व सोलर सिस्टम से जोड़ा जा रहा है। पांच सौ से ज्यादा परिवार वाले गांव नागेपुर में भी यह काम शुरू हो चुका है। दोनों गांवों में करीब साढ़े सात सौ बॉयो शौचालय बन चुके हैं। दर्जनों पक्के शौचालय भी हैं।कंपनियों के प्रयासजयापुर व नागेपुर में वेदांता, भारतीय माइक्रो क्रेडिट कंपनी, आर्टिस्ट-लोहार कंपनी, टॉपी ब्लाक, वेलस्पन, अलाना एंड संस आदि कंपनियों ने विकास कार्य किए हैं।

एक साल के जयापुर गांव में फूट रहीं किलकारियां

फिर बिगड़ने लगी दशा

इसमें कोई दो राय नहीं कि जयापुर और नागेपुर की नई तस्वीर अन्य आदर्श गांवों के लिए ईष्र्या का सबब हो सकती है। हालांकि अब चुनौती इन सुविधाओं को सहेजने की है। एक तो स्थानीय प्रशासन की अनदेखी और दूसरे ग्रामीणों की उदासीनता से चीजें फिर पटरी से उतर रही हैं। कई शौचालयों के दरवाजे तोड़ दिए गए हैं। खुले में शौच पूरी तरह बंद नहीं हुआ है। जयापुर में करीब चार किलोमीटर लंबी सड़क पर इंटरलॉकिंग कराई गई थी। इनके टाइल्स टूटने लगे हैं। नागेपुर के भीतरी मार्गो की दशा भी बिगड़ रही है।

पीएम के आदर्श गांव जयापुर में भाजपा समर्थित प्रत्याशी जीते

जयापुर में पथ प्रकाश के लिए 137 सोलर लाइटें लगीं हैं। इनमें से 20 की बैटरियां चोरी हो गईं। आरोप है कि प्रदेश सरकार जयापुर और नागेपुर से जान-बूझकर मुंह मोड़े हुए है। आदर्श ग्राम योजना के तहत जिन 21 बिंदुओं पर फोकस करने की बात है, स्थानीय प्रशासन उनकी देखरेख से पीछे हट गया है। राज्य सरकार के प्रयास मात्र लोहिया आवास तक सीमित हैं। जयापुर के ग्राम प्रधान श्रीनारायण पटेल और नागेपुर के प्रधान पारसनाथ राजभर कहते हैं कि सभी 21 बिंदुओं पर काम होना बाकी है। इनके लिए राज्य सरकार को आगे आना चाहिए।

शहर को मात देने को तैयार मोदी का जयापुर

नहीं मिल रहा अपेक्षित सहयोग

सांसद सूरत और पीएम के दोनों आदर्श ग्रामों के समन्वयक सीआर पाटिल के अनुसार दोनों गांवों में कामकाज को लेकर राज्य सरकार या स्थानीय प्रशासन से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। जयापुर में एक बार मरम्मत का काम भी कराया गया है। विकसित संसाधनों या सुविधाओं को सहेजने के लिए ग्रामीणों को भी जागरूक होना पड़ेगा।

परियोजना निदेशक और जयापुर व नागेपुर सांसद आदर्श गांव के प्रभारी प्रेमचंद पटेल के अनुसार आदर्श ग्रामों में विकास को गति देने के लिए सभी विभागों से डीपीआर बनाने को कहा गया है। समन्वय में कमी जैसी तो कोई बात नहीं है। लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा। जयापुर में दोबारा इंटरलॉकिंग के लिए बात चल रही है।

chat bot
आपका साथी