अब कॉपिया में पकड़ी कोई भी गलती तो करा सकेंगे पुनमरूल्याकन

यूजीसी ने विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को फिर से सुविधा शुरू करने को भेजा पत्र, केंद्रीय सूचना आयोग के निर्देश पर उठाया कदम अभी विद्यार्थी सिर्फ कॉपी देख सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Jul 2018 04:09 PM (IST) Updated:Sun, 29 Jul 2018 04:47 PM (IST)
अब कॉपिया में पकड़ी कोई भी गलती तो करा सकेंगे पुनमरूल्याकन
अब कॉपिया में पकड़ी कोई भी गलती तो करा सकेंगे पुनमरूल्याकन

लखनऊ(जागरण संवाददाता)। विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों में पढ़ रहे विद्यार्थियों की परीक्षा की कॉपियों का अब पुनमरूल्याकन किया जा सकेगा। अभी विद्यार्थी सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत परीक्षा की कॉपिया तो देख सकते हैं, लेकिन अगर उसमें कोई गलती या गड़बड़ी पकड़ते हैं तो पुनमरूल्याकन की माग नहीं कर सकते। क्योंकि इसका कोई प्रावधान विश्वविद्यालयों में नहीं है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से सभी यूनिवर्सिटीज को निर्देश दिए गए हैं कि वह इस व्यवस्था को लागू करें। यूजीसी के प्रो. रजनीश जैन की ओर से विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि वह विद्यार्थियों के हितों को देखते हुए पुनमरूल्याकन की सुविधा दें। केंद्रीय सूचना आयोग की ओर से यह निर्देश यूजीसी को दिया गया है कि वह विश्वविद्यालयों में इस व्यवस्था को फिर से लागू करवाएं। दरअसल सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत हर साल बड़ी संख्या में विद्यार्थी कॉपिया देखते हैं, लेकिन उसमें कोई गड़बड़ी होने पर वह सवाल नहीं उठा सकते। वरिष्ठ छात्रों के हाथ होगी रैगिंग रोकने की कमान:

पॉलीटेक्निक प्रवेश प्रक्रिया समाप्त होने के साथ ही अब संस्थाओं के प्रधानाचार्यो की ओर से एंटी रैगिंग सेल में वरिष्ठ छात्रों को भी शामिल करने की कवायद शुरू हो गई है। प्राविधिक शिक्षा परिषद के सचिव एसके सिंह ने बताया कि संस्थाओं में पाच-पाच वरिष्ठों को एंटी रैगिंग सेल में रखने के निर्देश दिए गए हैं। लखनऊ पॉलीटेक्निक के प्रधानाचार्य राजेंद्र सिंह ने बताया कि शिक्षकों और छात्रों के बीच समन्वय का प्रयास चल रहा है। परिसर में एंटी रैगिंग सेल के सदस्यों की सूची नंबरों के साथ चस्पा कर दी गई है।

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