महिलाओं के भाजपा की ओर रुझान से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड चिंतित

बोर्ड मुस्लिम महिलाओं को शरीयत कानून में दिये गये उनके हक के प्रति जागरूक भी करेगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड नौ से 11 फरवरी से तीन दिवसीय बैठक हैदराबाद में होने जा रही है।

By Ashish MishraEdited By: Publish:Fri, 02 Feb 2018 12:30 PM (IST) Updated:Fri, 02 Feb 2018 01:06 PM (IST)
महिलाओं के भाजपा की ओर रुझान से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड चिंतित
महिलाओं के भाजपा की ओर रुझान से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड चिंतित

लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव] । तीन तलाक मसले पर मुस्लिम महिलाओं के भाजपा के प्रति बढ़ रहे रुझान से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड चिंतित है। बोर्ड अब केंद्र सरकार के तीन तलाक बिल की काट के लिए नया रास्ता निकालने की कोशिश में है। बोर्ड मुस्लिम महिलाओं को शरीयत कानून में दिये गये उनके हक के प्रति जागरूक भी करेगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड नौ से 11 फरवरी से तीन दिवसीय बैठक हैदराबाद में होने जा रही है।

तीन तलाक बिल लोकसभा में पास हो चुका है पर राज्यसभा में अटक गया है। यह ऐसा मसला है जिसने मुस्लिम महिलाओं का रुख भाजपा की ओर कर दिया है। यह बात अब मुस्लिम नेताओं व धर्म गुरुओं को परेशान कर रही है। इससे निपटने के लिए पर्सनल लॉ बोर्ड आगामी बैठक में रणनीति बनायेगा। बोर्ड की कार्यकारी समिति के सचिव जफरयाब जिलानी कहते हैं कि तीन तलाक बिल महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए नहीं बल्कि एक राजनीतिक स्टंट है। मोदी सरकार इस बिल के जरिये केवल सियासत करना चाहती है।

बोर्ड के सीनियर मेंबर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि हैदराबाद में मुस्लिम महिलाओं को उनके हक के बारे में जागरूक करने की बात होगी। अभी समाज में बहुत सी मुस्लिम महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें अपने हक के बारे में जानकारी नहीं है। शरीयत कानून के बारे में भी इन्हें जानकारी दी जाएगी। बताया जायेगा कि शरीयत कानून में किसी की भी दखलंदाजी ठीक नहीं है। शरीयत में ही महिलाओं को बहुत सारे अधिकार दिए गए हैं। इसके लिए अलग से कानून बनाने की जरूरत नहीं है।जिलानी ने बताया कि बैठक में बाबरी मस्जिद मसले पर भी आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।

सोशल मीडिया का इस्तेमाल बढ़ेगा : मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि बैठक में पढ़े-लिखे नौजवानों को जोड़ने की बात होगी। सोशल मीडिया के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर भी बात होगी। आज का युवा सोशल मीडिया पर हर समय सक्रिय रहता है इसलिए इसके इस्तेमाल को बढ़ाकर युवाओं को जोड़ा जा सकता है।

मॉडल निकाहनामा में मौजूद है तीन तलाक न देने का प्रावधान : जफरयाब जिलानी ने बताया कि मॉडल निकाहनामा में पहले से ही एक साथ तीन तलाक न देने का प्रावधान मौजूद है। निकाह के समय काजी लड़का व लड़की दोनों की रजामंदी से यह कुबूल कराते हैं कि वे एक साथ तीन तलाक नहीं देंगे। साथ ही बोर्ड तलाक के मसले पर आचार संहिता जारी कर चुका है। तीन तलाक का बेजा इस्तेमाल करने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने की बात भी बोर्ड पहले कह चुका है।

chat bot
आपका साथी