100 Year of LU : लविवि की कैंटीन में बैठकर गाता था... मैं शायर तो नहीं- अनूप जलोटा

Lucknow University Centenary Year लखनऊ विश्वविद्यालय शताब्दी वर्ष में प्रस्तुति देने आए भजन सम्राट अनूप जलोटा ने यादें कीं साझा। उन्‍होंने बताया क‍ि मैं क्लास छोड़कर बॉबी फिल्म देखने चला जाता था। सोचता था बॉबी देखकर कुछ अंग्रेजी ही आ जाएगी।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 09:59 AM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 09:59 AM (IST)
100 Year of LU : लविवि की कैंटीन में बैठकर गाता था... मैं शायर तो नहीं- अनूप जलोटा
LU 100 Year : लखनऊ विवि शताब्दी वर्ष में प्रस्तुति देने आए भजन सम्राट अनूप जलोटा ने यादें कीं साझा।

लखनऊ, जेएनएन। Lucknow University Centenary Year : उन दिनों बॉबी फिल्म आई थी। मुझे अंग्रेजी की कक्षा में जाने में डर लगता था। बस, फिर क्या था। मैं क्लास छोड़कर बॉबी फिल्म देखने चला जाता था। सोचता था, बॉबी देखकर कुछ अंग्रेजी ही आ जाएगी। अंग्रेजी तो नहीं आई, पर फिल्म बॉबी का एक गाना जुबान पर चढ़ गया।

तब लखनऊ विश्वविद्यालय की कैंटीन में बैठकर मैं फिल्म का वो मशहूर गीत गाता था, जो उस समय हर युवा दिल की धड़कन में बस चुका था- मैं शायर तो नहीं, मगर ए हसीं...। तब इस गाने पर मुझे बहुत दाद मिलती थी और मैं खुद को किसी स्थापित कलाकार से कम नहीं समझता था। लखनऊ विश्वविद्यालय शताब्दी वर्ष में प्रस्तुति देने आए भजन सम्राट अनूप जलोटा ने विश्वविद्यालय से जुड़ीं अपनी यादें साझा कीं। वो विश्वविद्यालय के ही पूर्व छात्र रहे हैं।

चेहरे पर विश्वविद्यालय के प्रति आदर भाव और शरारत भरी मुस्कान लिए अनूप जलोटा बताते हैं, तब कक्षाओं में कम जाता था और विश्वविद्यालय की कैंटीन में बैठकर गाने ज्यादा गाता था। मेरा पूरा ध्यान और सारा समय संगीत को ही समर्पित रहता था। वो आगे कहते हैं, मुझे तो उम्मीद ही नहीं थी, पर बहुत मुश्किल से किसी तरह पास हो ही गया। गाने में इतना रम गया कि अपनी डिग्री लेना ही भूल गया था और 47 साल तक भूला ही रहा। अनूप जलोटा ने 1973 में लखनऊ विश्वविद्यालय से बीए किया था। आज इतने वर्ष बाद उसी विश्वविद्यालय में आगमन हुआ तो अनूप जलोटा पुरानी स्मृतियों को साझा करने और अपने साथियों का नाम लेना भी नहीं भूले।

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